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पवार पलटे, मानेंगे सुप्रीम कोर्ट का आदेश

१ सितम्बर २०१०

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भारतीय कृषि मंत्री शरद पवार को पलटी मारने पर मजबूर होना पड़ा है. अब पवार ने कहा है कि सरकार बर्बाद होने से पहले खाद्यान्न बांटने के देश के सर्वोच्च अदालत के निर्देशों का पालन करेगी.

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तस्वीर: AP

शरद पवार ने लोकसभा में बोलते हुए कहा कि उन्हें अदालत के आदेश की कॉपी अभी तक नहीं मिली है लेकिन मैं सदन को कहना चाहूंगा कि सरकार कोर्ट के आदेश का पूरा पालन करेगी, चाहे वह हाईकोर्ट का आदेश हो या सुप्रीम कोर्ट का.

Ernte in Indien
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भारतीय जनता पार्टी के सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने सरकार के प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा बिल को ठगने वाला बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि देश के खाद्य भंडारों की जरूरतों को पूरा करने वाले लाखों किसान मुश्किल में हैं और सरकार को उनकी कोई चिंता नहीं है. सिद्धू ने कहा कि पंजाब अपनी 2 फीसदी जमीन से देश के 60 फीसदी लोगों का पेट भरता है, "लेकिन वहां के किसान वहां आज अनाज के अभाव से मर रहे हैं और सरकार उनकी समस्याओं पर विचार नहीं कर रही है."

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दलवीर भंडारी और जस्टिस दीपक वर्मा की बेंच ने इस पर जोर दिया कि उसने अनाज को गोदाम में बर्बाद होने देने के बदले उसे गरीबों में बांटने का आदेश दिया है और कहा कि यह सुझाव नहीं था, जैसा कि शरद पवार ने आभास दिया है. अदालत ने सरकारी वकील से कहा, "यह सुझाव नहीं था, यह हमारे आदेश में है. आप मंत्री महोदय को बताएं."

केंद्रीय कृषि मंत्री पवार ने इससे पहले कहा था, सुप्रीम कोर्ट के सुझाव पर अमल करना संभव नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सरकार को गोदामों में अनाज की बर्बादी को रोकना चाहिए. अदालत ने यह भी कहा कि सरकार को उतनी ही मात्रा में अनाज खरीदना चाहिए जिसकी वह सुरक्षा कर सके.

रिपोर्ट: पीटीआई/महेश झा

संपादन: ओ सिंह

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