पद पर रहते हुए दुनिया को कहा अलविदा
एक नजर डालिए भारतीय राजनीति के ऐसे चेहरों पर जिन्होंने पद पर रहते हुए दुनिया को अपना आखिरी सलाम कहा.
मनोहर पर्रिकर
पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का 17 मार्च 2019 को पणजी में निधन हो गया. वह 63 साल के थे और कैंसर से पीड़ित थे. पर्रिकर एक ईमानदार छवि वाले नेता थे. वह चार बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे.
अनंत कुमार
कर्नाटक के नेता केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का 12 नवंबर 2018 को बेंगलूरु में निधन हो गया. वे कैंसर के मरीज थे. 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद उन्हें रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय सौंपा गया था. इसके बाद जुलाई 2016 में संसदीय कार्यमंत्री का जिम्मा भी कुमार को सौंपा गया.
अनिल माधव दवे
केंद्र की भाजपा सरकार में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री का पदभार संभाल रहे अनिल माधव दवे का दिल का दौरा पड़ने से 18 मई 2017 को निधन हो गया.
जयललिता
6 दिसंबर 2016 को तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता का स्वास्थ्य कारणों के चलते निधन हो गया था.
गोपीनाथ मुंडे
केंद्र की भाजपा सरकार में पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे की मौत साल 2014 में एक सड़क दुर्घटना के दौरान हो गई थी.
मुफ्ती मोहम्मद सईद
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री सईद ने 7 जनवरी 2016 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली. सईद के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था
दोरजी खांडू
साल 2011 में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दोरजी खांडू की भी हवाई दुर्घटना के चलते मौत हो गई थी.
वाय.एस राजशेखर
आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वाय एस राजशेखर साल 2009 में एक हवाई दुर्घटना का शिकार हुए जिसमें उनकी मृत्यु हो गई.
इंदिरा गांधी
भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को 31 अक्टूबर 1984 के दिन उनके अपने ही अंगरक्षकों ने गोलियों से भून दिया जिससे उनकी मौत हो गई
जाकिर हुसैन
देश के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति जाकिर हुसैन का 3 मई 1969 को निधन हो गया था. साल 1963 में हुसैन को भारत रत्न से नवाजा गया था.
लाल बहादुर शास्त्री
नेहरू के अचानक निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बने. 10 जनवरी 1966 को ताशकंद में समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने के महज एक दिन बाद शास्त्री का निधन हो गया.
जवाहर लाल नेहरू
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की 27 मई 1964 को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी. निधन के वक्त वह देश के प्रधानमंत्री थे.