पत्रकारिता से राजनीति में आने वाले लोग
पत्रकारिता और राजनीति का बड़ा करीब का रिश्ता है. ऐसे में कई पत्रकार राजनेता भी बने हैं. आजादी के पहले तो ऐसा बहुत आम था. आज भी खूब सारे पत्रकार नेता बनकर राजनीति में सक्रिय हैं.
हरिवंश नारायण सिंह
वर्तमान में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह पेशे से पत्रकार हैं. वो 2014 में जनता दल यूनाइटेड से राज्यसभा सदस्य बने और 2018 में एनडीए के राज्यसभा उपसभापति उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की.
राजीव शुक्ला
वर्तमान में आईपीएल के कमिश्नर राजीव शुक्ला पहले जाने माने पत्रकार रहे हैं. साल 2000 में वो राजनीति में आ गए. वो कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं में शुमार हैं. उनकी पत्नी अभी भी एक न्यूज चैनल चलाती हैं.
एमजे अकबर
मोदी सरकार में मंत्री रहे एमजे अकबर ने पत्रकारिता छोड़ 1989 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा. 2014 में पाला बदलते हुए अकबर भाजपा में चले गए. अकबर को विदेश राज्यमंत्री बनाया गया. 2018 में कई महिलाओं द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के चलते उन्हें पद छोड़ना पड़ा.
अरुण शौरी
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में टेलिकॉम मंत्री रहे अरुण शौरी ने भी पत्रकारिता छोड़कर राजनीति में प्रवेश किया था. अरुण शौरी ने अर्थशास्त्र में पीएचडी करने के बाद विश्व बैंक के साथ भी काम किया है.
चंदन मित्रा
चंदन मित्रा भाजपा से दो बार राज्य सभा सांसद रहे हैं. वो एक अखबार के संपादक थे. 2003 में पहली बार और 2010 में दूसरी बार राज्यसभा के सदस्य बने. 2018 में मित्रा भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए.
मनीष सिसोदिया
आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया राजनीति में आने से पहले पत्रकारिता में थे. वो एक टीवी चैनल में न्यूज रीडर थे.
आशुतोष
आम आदमी पार्टी में शामिल होकर दिल्ली की चांदनी चौक सीट से चुनाव लड़ने वाले आशुतोष पहले टीवी पत्रकार थे. साल 2014 में वो राजनीति में आ गए. 2018 में उन्होंने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देकर पत्रकारिता की राह पकड़ ली.
आशीष खेतान
आम आदमी पार्टी के नेता और 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले आशीष खेतान एक मैग्जीन में खोजी पत्रकार थे.
शाजिया इल्मी
अन्ना आंदोलन के समय इंडिया अगेंस्ट करप्शन से जुड़ने वाली टीवी पत्रकार शाजिया इल्मी बाद में आम आदमी पार्टी में आ गईं. 2015 विधानसभा चुनाव से पहले वो भाजपा में चली गईं. विधानसभा चुनाव भी हार गईं.
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की महाराजगंज सीट से टीवी पत्रकार सुप्रिया श्रीनेत को टिकट दिया है. ये पहली बार नहीं है जब कोई पत्रकार राजनीति के मैदान में उतर रहा हो. अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर बाल ठाकरे तक कई ऐसे नेता रहे हैं जो पहले पत्रकार थे. जानते हैं ऐसे पत्रकारों के बारे में जो आगे चलकर राजनेता बने.