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पति की हत्या के आरोप में जर्मन राजनयिक गिरफ्तार

८ अगस्त २०२२

ब्राजील की पुलिस ने एक जर्मन राजनयिक को पति की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरफ्तारी शनिवार को हुई. कथित हत्या रियो डे जनेरो के हाईप्रोफाइल इलाके में राजनयिक के घर में हुई.

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इसी घर में हुई कथित हत्या
इसी घर में हुई कथित हत्यातस्वीर: Andre Borges/AFP

जर्मन राजनयिक का नाम उवे हर्बर्ट एच.. है और वो रियो डे जनेरो के जर्मन कॉन्सुलेट में काम करती हैं. उवे ने अधिकारियों को बताया कि उनके पति वाल्टर हेनरी मेक्सिमिलयन बियो शुक्रवार की रात बीमारी की हालत में गिर पड़े और सिर में चोट लगने की वजह से उनकी मौत हो गई. हालांकि शव और घर की छानबीन करने के बाद पुलिस का कहना है कि उन्हें वहां से मार पिटाई के संकेत मिले हैं.

स्थानीय पुलिस अधिकारी लुरेंको का कहना है, "घटनाओं के बारे में जो जानकारी कॉन्सुल ने दी है कि पीड़ित गिर गया था वह फोरेंसिक रिपोर्ट के नतीजों से मेल नहीं खाती." लोरेंको ने रियो डी जनेरो के पुलिस की सोशल मीडिया में यह जानकारी दी है. लोरेंको ने यह भी कहा है, "धड़ समेत कई जगहों खरोंच के निशान हैं जो वैसे ही हैं जैसे कि कुचले जाने पर होते हैं इसके साथ ही किसी बेलनाकार चीज से हमले के निशान भी मिले हैं. मरने वाला इन परिस्थितियों में चीख भी रहा था."

पुलिस के इंस्टाग्राम पन्ने पर कुछ तस्वीरें भी डाली गई हैं जिनमें राजनयिक के घर के फर्श और फर्नीचर पर खून के धब्बे नजर आ रहे हैं.

राजनयिक बचाव नहीं मिलेगा!

ब्राजील की मीडिया में ऐसी खबरें आ रही हैं कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उवे को राजनयिक बचाव नहीं मिल सकेगा. आमतौर पर दूतावास और कॉन्सुलेट में काम करने वाले अधिकारियों को डिप्लोमैटिक इम्युनिटी यानी राजनयिक बचाव मिलता है. इसके तहत आमतौर पर उनकी गिरफ्तारी नहीं होती लेकिन फिलहाल उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने इस मामले में पूछे सवाल पर तत्काल प्रतिक्रिया देने से इनकार किया है.

स्थानीय मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक उवे की बियोट के साथ 20 साल पहले शादी हुई थी. बियोट बेल्जियम के नागरिक थे. उवे ने मौत की जगह को पुलिस के आने से पहले साफ करने की कोशिश की. उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके पति काफी ज्यादा शराब पी रहे थे और नींद की गोलियां भी लेते थे. ब्राजील के प्रेस में छपे बियोट के आई़डी कार्ड से पता चलता है कि एक हफ्ते बाद ही उनका 53वां जन्मदिन आने वाला था.

जर्मन दूतावास ने तत्काल इस मामले में कोई प्रतिक्रिया या जानकारी नहीं दी है. इसके पीछे पीड़ितों की निजता की सुरक्षा और मामले में चल रही जांच को वजह बताया गया है. हालांकि रियो डि जनेरो में जर्मन दूतावास और कॉन्सुलेट दोनों स्थानीय अधिकारियों के साथ करीबी संपर्क में हैं. जर्मन विदेश विभाग से जुड़े एक सूत्र ने यह जानकारी दी.

एनआर/ओएसजे (एएफपी)