न्यूयॉर्क का कला संग्रहालय मोमा अब नए कलेवर में
न्यूयॉर्क का आधुनिक कला संग्रहालय मोमा 90 साल के इतिहास में कई बार बदला है. हाल में हुए आधुनिकीकरण पर 45 करोड़ डॉलर खर्च हुए हैं. पर्यटकों में लोकप्रिय ये संग्रहालय इस बार कला को महसूस करने का अहसास देता है.
मोमा का विस्तार
न्यूयॉर्क में आधुनिक कला संग्रहालय मोमा पहली बार 1929 खुला था. उस वक्त यह ऐतिहासिक कला संग्रहालयों की सूची में नया नाम था. यह इतना लोकप्रिय हुआ कि 1950 और 1960 के दशक में इसका विस्तार किया गया. 1984 में उसका आधुनिककीकरण हुआ. इस सदी के शुरू में उसके जीर्णोद्धार पर 86 करोड़ डॉलर खर्च हुए.
हवा और रोशनी
करीब 15 साल बाद हाल में मोमा का फिर से विस्तार हुआ है, हवादार और रोशनी से भरे कमरों के साथ. आर्किटेक्ट रिकार्डो स्कोफिदियो और एलिजाबेथ डिलर की योजना पर करीब आधा अरब डॉलर खर्च किया गया. इसे इतना आधुनिक बना दिया गया है कि कला पत्रकारों को वहां किसी म्यूजियम के बदले "एप्पल स्टोर के आत्माविहीन वातावरण का अहसास हुआ."
कला पर नई सोच
मोमा की करीब 60 गैलरियों को इस तरह से रिडिजाइन किया गया है कि कला और उसे निहारने वाली जनता एक दूसरे के और करीब आएं. इसके लिए म्यूजियम में लाइव आयोजनों के अलावा कलात्मक सृजन में दर्शकों की भागीदारी का इंतजाम है. मोमा के विस्तार के पीछे की सोच में कमरों का विस्तार नहीं, बल्कि ऐसे कमरे हैं जो लोगों को कला पर सोचने को मजबूर करें.
कला की प्रयोगशाला
पाउला और जेम्स क्राउन क्रिएटिविटी लैब एक ऐसा प्रयोगात्मक कमरा है जहां कलाकृतियों के लिए विचारों का जन्म होगा और उसे बनाने की प्रक्रिया पर शोध होगा. कलाकारों के साथ सीधी बातचीत के अलावा कला मर्मज्ञ और दर्शक यहां खुद भी अपनी कलाकृति बना पाएंगे. साथ ही मोमा में प्रदर्शित कलाकृतियों को लोगों की सलाह पर अलग तरीके से प्रदर्शित किया जाएगा.
कलाकारों से संवाद
नए मोमा की खास बात ये होगी कि कला सृजन के दौरान दर्शक कलाकारों के साथ बात कर पाएंगे. कलाकृति बनाने के दौरान मोमा के मेहमान कलाकारों यानि आर्टिस्ट इन रेजिडेंस के साथ दर्शकों का संवाद हो पाएगा. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक पायनियर डेविड ट्यूडर की रेनफॉरेस्ट फाइव जैसी मोमा के संग्रह में जमा कलाकृतियों का भी भविष्य में यहां प्रदर्शन किया जाएगा.
बदलती प्रदर्शनी
मोमा को नया रूप देने की तैयारी के दौरान संग्रहालय को चार महीने के लिए बंद कर दिया गया था. बहुत से पर्यटक बहुत दुखी हुए थे. लेकिन इस छुट्टी का इस्तेमाल पुरानी कलाकृतियों को नए ढंग से प्रदर्शित करने के लिए किया गया. अब इरादा ये है कि कलाकृतियों को लगातार प्रदर्शित करने के बदले उन्हें कुछ कुछ महीनों पर बदल दिया जाए. यह और पर्यटकों को आकर्षित कर पाएगा. रिपोर्ट: टॉर्स्टन लांड्सबैर्ग