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नौकरी पहले मराठियों को: अशोक चव्हाण भी कूदे

२१ नवम्बर २००९

केंद्रीय रेल मंत्री ममता बैनर्जी ने कहा है कि महाराष्ट्र में रेलवे प्रतियोगी परीक्षा मराठी भाषा में भी होगी. इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने मांग की थी कि राज्य में नौकरियों में स्थानीय लोगों को तरजीह मिलनी चाहिए.

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चाचा और भतीजे ठाकरे का दबावतस्वीर: AP

गैर मराठियों को महाराष्ट्र में नौकरी देने के नाम पर राज ठाकरे का उत्पात थमा भी नहीं कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण भी इस मामले की राजनीति में कूद गए हैं. उनका कहना है कि नौकरियों में स्थानीय लोगों को तरजीह दी जानी चाहिए.

मुंबई में हुए एक समाराहों में चव्हाण ने कहा कि स्थानीय लोगों को अहमियत मिलनी ही चाहिए. उनके मुताबिक जो व्यक्ति महाराष्ट्र का मूल निवासी है उसे सरकारी नौकरियों में पहला मौका देना होगा.

चव्हाण ने ये बात तो कह दी लेकिन ये भी साथ में जोड़ दिया कि उनकी सरकार इस मुद्दे पर किसी तरह के आंदोलन और क्षेत्रवाद का समर्थन नहीं करती. उनके मुताबिक ये उनकी सरकार की नीति नहीं है.

चव्हाण का कहना है कि राज्य सरकार की चिंता ये है कि महाराष्ट्र के बेरोज़गारों को पहले नौकरी मिले. रेलवे भर्ती के मामले में हाल में हुई प्रतियोगी परीक्षा और इसमें राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के बवाल के बाद मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण भी इसमें राजनैतिक फ़ायदा देखने की कोशिश कर रहे हैं. जानकारों के मुताबिक वो राज ठाकरे और उनके चाचा शिव सेना सुप्रीमो बाल ठाकरे से मराठी गैर मराठी मामले पर राजनैतिक फ़ायदा लेना चाहते हैं.

अशोक चव्हाण ने मराठियों को नौकरियों में तरजीह देने के मामले पर केंद्रीय रेल मंत्री ममता बैनर्जी से गुज़ारिश भी की है. अशोक चव्हाण की अपील और राज ठाकरे के कारिंदों का उत्पात लगता है केंद्र सरकार पर दबाव बना गया है. रेल मंत्री ममता बैनर्जी ने कह दिया है कि रेलवे परीक्षा क्षेत्रीय भाषाओं में कराई जाएगी. मुंबई दौरे पर गईं रेल मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि अंग्रेज़ी और हिंदी भाषा के अलावा क्षेत्रीय भाषा में भी परीक्षा होंगी. महाराष्ट्र के संदर्भ में उनका कहना था कि वहां मराठी भाषा में परीक्षा का विकल्प प्रतियोगियों के पास होगा.

लेकिन क्षेत्रवाद का राग अलापने का साथ साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री चव्हाण का कहना है कि अगर मुंबई को शंघाई जैसा बनाना है तो इसका चौतरफ़ा विकास करना होगा जिससे यहां के लोगों को ज़्यादा नौकरियां मिल सकें.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस जोशी

संपादन: ओ सिंह