नेपाल में फिर भूकंप के झटके
दो हफ्ते पहले आए भीषण भूकंप से अभी नेपाल उबर भी नहीं पाया है कि एक बार फिर जमीन हिली. 7.3 की तीव्रता का नया झटका. 60 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है.
नेपाल के गृह मंत्रालय ने 62 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है और बताया है कि करीब 2,000 लोग जख्मी हुए हैं. नेपाल के 75 जिलों में से 32 भूकंप से प्रभावित हुए हैं.
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता लक्ष्मी ढकाल ने बताया, "भूकंप के केंद्र दोलखा और सिंधुपाल चौक हैं. पिछले भूकंप के कारण यहां पहले से ही हालात बुरे थे. हमें आशंका है कि इन इलाकों के कुछ गांव पूरी तरह तहस नहस हो चुके हैं."
भूकंप के कारण देश के छह इलाकों में कम से कम बारह जगह भूस्खलन हुआ है. रिक्टर स्केल पर पहले झटके की तीव्रता 7.3 और दूसरे की 6.3 आंकी गयी है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि ताजा भूकंप पिछले भूकंप का ही नतीजा है. वे इसे "चेन रिएक्शन" बता रहे हैं. ब्रिटेन की भूविज्ञानी कारमेन सोलाना का कहना है, "बड़े भूकंप के बाद अक्सर और झटके आते हैं और कई बार ये पहले भूकंप जितने ही शक्तिशाली होते हैं."
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पहले भूकंप के कारण जमीन की परतें अस्थिर हो जाती हैं. इसे इस तरह से भी समझा जा सकता है कि जब बंद शर्ट को दोनों तरफ से खींचा जाता है, तो एक एक कर बटन टूटने लगते हैं.
मंगलवार को आए भूकंप के बाद एक बार फिर देश में अफरा तफरी का माहौल देखा गया. सरकार को लोगों तक सूचना और मदद पहुंचाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
राहतकर्मी मलबे के नीचे दबे लोगों को खोजने के काम में लगे हैं. राहतकार्य के लिए कुछ हेलीकॉप्टर भी भेजे गए हैं. काठमांडू हवाई अड्डे को भी कुछ देर के लिए बंद करना पड़ा.
25 अप्रैल को आए भूकंप का केंद्र जमीन में 15 किलोमीटर नीचे था, जबकि इस बार 18.5 किलोमीटर नीचे जमीन हिली है. इसके बाद कम से कम आठ झटके महसूस किए गए.
काठमांडू में संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने वाली रोज फोली ने बताया, "ऐसा लगा जैसे जमीन हिलती ही चली जा रही है. जैसे हम किसी अशांत सागर में नाव पर सवार हों."
रेड क्रॉस की आसने हैवनेलिड ने बताया, "लोग बुरी तरह डरे हुए हैं. हर कोई भाग कर बाहर सड़कों पर निकल आया है क्योंकि उन्हें अंदर रहने से डर लग रहा है."
एक निवासी सुलभ सिंह ने बताया, "मुझे लगा इस बार तो मैं मर ही जाऊंगा. सब कुछ फिर से सामान्य होना शुरू ही हुआ था कि अब एक बार फिर." पिछले भूकंप के बाद कई लोग घर छोड़ कर चले गए थे और हाल ही में वापस लौटना शुरू किया था.