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नेपाल में पत्रकारों का प्रदर्शन

३ मार्च २०१०

नेपाल में फिर एक बार निशाना बनाया गया एक पत्रकार. इसके बाद बुधवार को नेपाल में कई पत्रकारों ने प्रदर्शन किए और पुलिस के साथ उनकी हाथापाई भी हुई. तीन सौ पत्रकार काठमांडू में सरकारी कार्यालय के सामने इकट्ठा हुए.

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तस्वीर: AP

पत्रकार सरकार को सुरक्षा हालात ठीक नहीं कर सकने का ज़िम्मेदार ठहरा रहे थे. प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की उसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हातापाई भी हुई. लेकिन इसमें किसी को नुकसान नहीं पहुंचा.

दक्षिणी नेपाल में एक क्षेत्रीय अख़बार और रेडियो स्टेशन के मालिक अरुण सिंघानिया की गोली मार कर हत्या कर दी गई. इसके कुछ ही सप्ताह पहले मीडिया के जाने माने व्यक्ति जमीम शाह की भी हत्या हुई थी. सोमवार को होली के त्यौंहार मनाते समय किसी अज्ञात व्यक्ति ने नेपाल के शहर जनकपुर में गोली मार कर हत्या कर दी.

पुलिस ने संदेह के आधार पर दस लोगों को गिरफ़्तार किया है. पुलिस को संदेह है कि यह व्यक्ति सिंघानिया की हत्या के मामले से जुड़े हो सकते हैं. गृहमंत्रालय ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. नेपाल में कई बार पत्रकारों या मीडिया संस्थानों को निशाना बनाया गया है. ख़साकर दक्षिणी नेपाल के तराई कहे जाने वाले इलाके में.

पत्रकारों की सुरक्षा के लिए बनी एक कमिटी की रिपोर्ट कहती है कि जहां तक पत्रकारों पर हमला करने वालों को दंड मिलने का सवाल है नेपाल में बहुत कम ऐसे अपराधियों को सज़ा मिलती है. सिंघानिया के लिए काम करने वाली एक महिला रेडियो पत्रकार की पिछले साल हत्या कर दी गई थी. जिस हथियारबद्ध गुट ने उनकी हत्या की थी उसमें से किसी को भी सज़ा नहीं हुई. स्थानीय पत्रकार अजीत तिवारी के हवाले से समाचार एजेंसी एएफ़पी का कहना था कि तराई में पत्रकारों को हर रोज़ धमकियों से दो चार होना पड़ता है. कई बार कुछ गुट कहते हैं कि यही स्टोरी छापी जाए या फिर कई बार वह हमसे पैसे भी मांगते हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे