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नेताओं पर हमले योजना बनाने वाले जर्मन सैन्य अधिकारी को सजा

१५ जुलाई २०२२

जर्मन सेना के एक अधिकारी को एक या अधिक नेताओं पर हमले की योजना बनाने के आरोप में 5 साल 6 महीने के कैद की सजा सुनाई गई है. इस अधिकारी ने खुद को सीरियाई शरणार्थी के रूप में दिखाया ताकि आरोप शरणार्थियों पर लगे.

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फ्रांको ए. जर्मन सेना में अधिकारी रहा है
फ्रांको ए. जर्मन सेना में अधिकारी रहा हैतस्वीर: Boris Roesller/picture alliance/dpa

फ्रैंकफर्ट की अदालत में सजा सुनाये जाते वक्त खड़े गहरी दाढ़ी और चोटी वाले अभियुक्त की पहचान फ्रांको ए. के रूप में अधिकारियों ने की है. मुकदमा शुरू होने के करीब एक साल बाद अदालत ने उसे सजा सुनाई है. फ्रांको ए. दक्षिणपंथी है और उसने खुद को सीरियाई शरणार्थी के रूप में पेश करने की कोशिश की जिससे कि उसकी करतूतों का आरोप शरणार्थियों पर लगाया जा सके. यह मामला 2017 में सामने आया था और इसने सेना में दक्षिणपंथी लोगों के होने की खबरों पर मुहर लगा दी. जर्मनी के लोग इस घटना से हैरान रह गये और इस मुद्दे पर बहस तेज हो गई. 

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देश के खिलाफ हिंसक कार्रवाई

अदालत ने फ्रांको ए. को देश के खिलाफ हिंसक कार्रवाई की योजना बनाने और हथियारों के कानून का उल्लंघन करने का दोषी माना है. अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि उसने ये अपराध अपनी धुर दक्षिणपंथी विचारधारा के कारण किए. अभियोजकों ने फ्रांको ए. के लिए छह साल तीन महीने के कैद की सजा मांगी थी. अभियोजकों का कहना था कि उसने सीरियाई शरणार्थी के रूप में गलत पहचान हासिल कर इस घटना की जिम्मेदारी शरणार्थियों पर डालने की कोशिश की थी. अभियोजकों के मुताबिक उसका इरादा जर्मन सरकार की शरणार्थी नीति में लोगों का भरोसा घटाना था.

फ्रैंकफर्ट की रीजनल सुरीरियर कोर्ट ने सजा सुनाई है
फ्रैंकफर्ट की रीजनल सुरीरियर कोर्ट ने सजा सुनाई हैतस्वीर: Ralph Peters/imago

जर्मन सेना के इस अधिकारी ने बड़े राजनेताओं और सार्वजनिक चेहरों को निशाना बनाने की साजिश रची थी. हालांकि उसने इन आरोपों से इनकार किया है लेकिन हथियार और गोला बारूद जुटाने की बात मानी है. उसने यह भी माना है कि वह जर्मनी में सार्वजनिक व्यवस्था को तोड़ने की तैयारी में था.

फ्रांको ए. के बचाव पक्ष के वकीलों ने पिछले हफ्ते उसे मुख्य आरोप यानी देश के खिलाफ हिंसक कार्रवाई से मुक्त करने की मांग की थी. उनका कहना था कि उसे बाकी मामलों में जुर्माना और निलंबित कैद की सजा दे कर छोड़ दिया जाना चाहिए.

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वियना से हुई गिरफ्तारी

फ्रांको ए. को वियना एयरपोर्ट पर फरवरी 2017 में गिरफ्तार किया गया था. वह एयरपोर्ट के शौचालय में छिपा कर रखे गये एक गोलियों से भरे पिस्टल को हासिल करने की कोशिश कर रहा था. यह पता नहीं चल सका कि यह हथियार वहां कैसे आया और इसके साथ उसने क्या करने की योजना बनाई थी.

अदालत की कार्यवाही के दौरान वहां मौजूद फ्रांको ए.
अदालत की कार्यवाही के दौरान वहां मौजूद फ्रांको ए.तस्वीर: Getty Images Europe/dpa/picture alliance

34 साल का फ्रांको तीन बच्चों का पिता है और मई 2021 में फ्रैंकफर्ट की रीजनल सुपीरियर कोर्ट में आने से पहले डॉक में रहा था. जर्मन सेना के लेफ्टिनेंट को कैबिनेट मंत्रियों, सांसदों और प्रमुख यहूदी मानवाधिकारों पर हमले की योजना बनाने का दोषी माना गया है. फ्रांको को जर्मन नेताओं के शरणार्थियों के प्रति स्वागत का भाव रखने से आपत्ति थी और वह मानता था कि ये लोग "जर्मन राष्ट्र की जगह" ले लेंगे.  अभियोजकों ने इस मामले को युद्ध के बाद के इतिहास में पहला माना है जब सेना के एक सदस्य को आतंकवादी हमले की योजना का दोषी माना गया है.

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जर्मन अधिकारियों को धोखा

फ्रांको ए. ने अदालत को बताया है कि 2015-16 में उसने अधिकारियों को धोखा दे कर अपनी पहचान बदल ली. तब जर्मनी में करीब 10 लाख सीरियाई शरणार्थी दाखिल हुए थे. उसने अपनी त्वचा का रंग गहरा कर लिया और मेकअप के जरिये खुद को खाली हाथ शरणार्थी के रूप में दर्ज करा कर 15 महीने तक आप्रवासन अधिकारियों को झांसा देता रहा. हालांकि वह अरबी नहीं बोल सकता था. उसने खुद को जर्मन मां और इटैलियन आप्रवासी पिता की संतान डेविड बेंजामिन बताया जो दमिश्क में फल बेचता था. उसने अदालत में बताया, "ना तो अरबी भाषा और ना ही मेरी कहानी को पुष्ट करने के लिए किसी ब्यौरे की जरूरत पड़ी."

जांच के दौरान उसके पास से हिटलर की लिखी प्रतिबंधित किताब "माइन काम्फ" की एक कॉपी भी मिली. वह आप्रवासन की गतिविधियों को एक तरह का "नरसंहार" मानता था. उसे जांच शुरू होने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया था लेकिन इस साल फरवरी में जब उसके पास से हथियार और नाजी प्रतीक हासिल हुए तो उसे फिर से जेल में डाल दिया गया.

एनआर/ओएसजे (डीपीए, एएफपी)