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कानून और न्याय

निर्भया मामले के एक दोषी ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी

७ नवम्बर २०१९

निर्भया मामले में अदालत ने आरोपियों को मौत की सजा का फैसला तो सुना दिया था लेकिन इस पर अमल होना अभी बाकी है. एक दोषी ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी है.

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Afghanistan Hinrichtung im Gefängnis Pul-e-Tscharchi
तस्वीर: picture alliance/ZUMA Press/W. Sabawoon

राजधानी दिल्ली में दिसंबर 2012 में हुए निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में मंगलवार को नया मोड़ आया. फांसी की सजा का सामना कर रहे मामले के चार दोषियों में से एक विनय कुमार शर्मा ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल कर दी है. गिरफ्तारी के बाद से ही विनय कुमार शर्मा दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. बुधवार शाम आईएएनएस से बातचीत में तिहाड़ जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने इसकी पुष्टि की. जेल महानिदेशक ने कहा, "चारों मुजरिमों को उनका कानूनी हक बताने के लिए संबंधित जेलों के (जहां-जहां मुजरिम रखे गए हैं) जेल अधीक्षकों द्वारा 29 अक्टूबर को नोटिस जारी किए गए थे. मंडोली स्थित जेल नंबर-14 में बंद पवन कुमार गुप्ता और तिहाड़ की अलग-अलग जेलों में बंद विनय कुमार शर्मा, अक्षय कुमार सिंह व मुकेश ने नोटिस प्राप्त भी किए थे."

नोटिस प्राप्त होने के कई दिनों बाद तक चारों मुजरिम चुप्पी साधे रहे. शुक्रवार को पवन कुमार गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार सिंह से उनके वकीलों ने जेल में लंबी मुलाकात की थी. जेल में अपने मुवक्किलों से मुलाकात के बाद मुजरिमों में से एक के वकील अजय प्रकाश सिंह ने आईएएनएस को बताया, "मेरे मुवक्किल राष्ट्रपति के यहां दया याचिका कतई दाखिल नहीं करेंगे. दो मुवक्किल सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन डालेंगे और अक्षय कुमार सिंह सोमवार को रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगा." लेकिन तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने बुधवार को पुष्टि की कि विनय कुमार शर्मा ने जेल प्रशासन को राष्ट्रपति के नाम संबोधित दया याचिका दी है.

इस सिलसिले में आईएएनएस ने बुधवार शाम विनय कुमार शर्मा के वकील अजय प्रकाश सिंह को याद दिलाया कि दो-तीन दिन पहले तक वह राष्ट्रपति के पास दया याचिका न डालने की बात कर रहे थे. इस पर उन्होंने कहा, "पता नहीं यह कैसे हो गया. जब मैं जेल में गया तब तो विनय कुमार शर्मा ने दया याचिका भेजने की बात से साफ इंकार किया था. हो सकता है कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने सरकार के दबाव में याचिका लिखवा ली हो."

वहीं तिहाड़ जेल प्रशासन का कहना है, "हमें किसी मुजरिम से कोई चीज जबरदस्ती लिखवाने का कोई अधिकार नहीं है. मुजरिमों को नोटिस देकर आगाह करना हमारा काम था. बाकी नोटिस पर अमल करके आगे की सोचना या फिर दया याचिका दाखिल करने की जिम्मेदारी मुजरिमों की थी. अगर जेल प्रशासन ने विनय कुमार शर्मा से जबरदस्ती राष्ट्रपति के नाम दया याचिका लिखवा ली, तो फिर बाकी तीन मुजरिमों से जबरदस्ती दया याचिका क्यों नहीं लिखाई?"

दिसंबर 2012 में राष्ट्रीय राजधानी में चलती बस में 23 साल की पैरामेडिक्स की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था, और विरोध करने पर उसे बुरी तरह मारा-पीटा गया था. गंभीर अंदरूनी जख्मों के कारण उसे बेहतर इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था, जहां कुछ दिनों बाद उसने दम तोड़ दिया था. इस मामले में पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से पांच को अदालत ने दोषी ठहराया और मृत्युदंड सुनाया. इसमें से दोषी राम सिंह ने बाद में जेल में आत्महत्या कर ली थी. छठा आरोपी नाबालिग था, जिसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया था.

संजीव कुमार सिंह चौहान (आईएएनएस)

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