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नासा को पृथ्वी जैसा दूसरा ग्रह मिला

१२ जनवरी २०११

नासा ने सौरमंडल से बाहर चट्टानों से भरा पृथ्वी के आकार का एक ग्रह ढूंढ निकाला है. हालांकि इस ग्रह का तापमान इतना ज्यादा है कि इस पर जीवन के अस्तित्व की कोई उम्मीद नहीं की जा रही है.

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तस्वीर: AP

नासा के अंतरिक्ष यान कैप्लर ने इस ग्रह को ढूंढा और इसे नाम दिया गया है कैप्लर 10 बी. नासा की वैज्ञानिक नताली बताल्हा ने इस खोज के बारे जानकारी दी और कहा, "निश्चित रूप से कैप्लर 10 बी जीवों के रहने लायक नहीं है. दिन में इस ग्रह का तापमान 1371 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा होता है. इस तापमान पर लोहा भी पिघल जाएगा. पृथ्वी पर रहने वाले जीवों का इस ग्रह पर रहना मुमकिन नहीं है कार्बन आधारित रसायन शास्त्र यहां काम नहीं आएगा. इतने अधिक तापमान पर आरएनए और डीएनए के अणु साबूत नहीं रह सकते."

Astronaut Thomas Reiter
तस्वीर: NASA

कैप्लर 10 बी 0.84 दिन में अपनी परिक्रमा पूरी कर लेता है और सूर्य से जितनी दूरी बुध ग्रह की है उसकी तुलना में यह अपने तारे से 24 गुना ज्यादा करीब है. कैप्लर प्रोग्राम से जुड़े नासा के वैज्ञानिक डगलस हगिन्स के मुताबिक ग्रह पर जीवन न होने के बावजूद इसकी खोज एक बड़ी सफलता है. डगलस ने कहा, "कैप्लर 10 बी का मिलना पृथ्वी जैसे दूसरे ग्रहों की खोज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है हालांकि ये ग्रह जीवों के रहने लायक नहीं है लेकिन इसके जरिए सामने आई जानकारियों से ये साबित हो जाता है कि हमारी खोज किस दिशा में जा रही है इसके साथ ही आने वाले वक्त में कुछ और बड़ी कामयाबियों की उम्मीद भी बंधती है."

नए ग्रह का भार पृथ्वी के भार का 4.6 गुना ज्यादा है और औसत घनत्व 8.8 ग्राम पर घन सेंटीमीटर है. यही औसत वजन उठाने वाले लोहे यानी डम्बल का भी होता है. ग्रह के बारे में मिली और जानकारियां एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में छपी हैं.

सैन जोस स्टेट यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर और कैप्लर मिशन से जुड़ी नताली बताल्हा ने ये भी बताया कि इसी तारामंडल में एक और बड़े ग्रह की मौजूदगी के सबूत मिले हैं लेकिन इस बारे में अभी बहुत कम जानकारी है. उन्होने बताया," ग्रह जैसी किसी चीज के गुजरने की एक घटना हर 45 दिन पर होती है और ये ग्रह पृथ्वी के व्यास से दोगुना बड़ा है."

नासा ने कैप्लर अभियान पृथ्वी जैसी दूसरे ग्रहों की खोज करने के लिए शुरू की है. 2009 में इसे अंतरिक्ष में भेजा गया. इस यान में अंतरिक्ष में भेजा गया अब तक का सबसे बड़ा कैमरा लगाया गया है जो पृथ्वी पर 2012 के नवंबर तक सूचनाएं भेजता रहेगा. अंतरिक्ष दूरबीन पृथ्वी के आकार जितने छोटे ग्रहों की तलाश कर रहे हैं. इनका मकसद ऐसे ग्रहों की तलाश करना है जो जीवन योग्य गर्म वातावरण में अपने तारे की परिक्रमा कर रहे हैं और जिनकी सतह पर तरल पानी मौजूद रह सकता है. नासा के हिसाब से जीवन के लायक वातावरण वो है जिसका तपमान पानी के क्वथनांक यानी वो तापमान जिस पर पानी उबलने लगता है उससे कम और पानी के बर्फ में तब्दील होने लायक तापमान से ज्यादा है. कैप्लर जीवन के लक्षण की पहचान करने के काबिल नहीं है. यह वातावरण में ऑक्सीजन की मौजूदगी और दूसरी चीजों के बारे में जानकारी नहीं जुटा पाता. यह मुख्य रूप से हमारे सौरमंडल के बाहर पृथ्वी के आकार के दूसरे ग्रहों की तलाश करता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ओ सिंह

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