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समाज

नाबालिगों के यौन उत्पीड़न पर शिकंजा कस रहा है फ्रांस

२३ मार्च २०१८

फ्रांस की सरकार ने नाबालिगों का यौन उत्पीड़न रोकने के लिए एक कानून का मसौदा तैयार किया है. इसमें 15 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ यौन संबंधों को बलात्कार माना जा सकता है.

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तस्वीर: picture-alliance/maxppp/

नए प्रस्तावित कानून से नाबालिगों के यौन उत्पीड़न के साथ साथ सड़कों पर होने वाले उत्पीड़न को रोकने में भी मदद मिलेगी. नए कानून के तहत उन परिस्थितियों को व्यापक बनाया गया है जिनमें 15 साल से कम उम्र के बच्चे के साथ यौन संबंधों को बलात्कार माना जाएगा.

नाबालिगों के यौन उत्पीड़न के मुद्दे पर फ्रांस में इन दिनों बहस हो रही है. इसकी शुरुआत खास तौर से उस वक्त हुई जब मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अभियोजकों ने 11 साल की एक लड़की के साथ बलात्कार के मामले में एक व्यक्ति पर आरोप तय करने से इनकार कर दिया. और इसका कारण यह बताया गया कि लड़की ने सेक्स के लिए सहमति जताई थी.

फ्रांस के सरकारी रेडियो फ्रांसइन्फो के अनुसार पहले इस व्यक्ति पर नाबालिग के यौन उत्पीड़न के आरोप लगे, लेकिन बाद में उसके खिलाफ बलात्कार के मामले में जांच हुई. फ्रांस के मौजूदा कानून के मुताबिक हिंसा या धमकी देकर बनाए गए शारीरिक संबंध ही बलात्कार के दायरे में आते हैं. लेकिन फ्रांस की सरकार में समानता मंत्री मारलेन श्कियापा का कहना है कि 15 साल से कम उम्र के बच्चों के मामले में बलात्कार की यह परिभाषा पर्याप्त नहीं है. 

प्रस्तावित कानून के तहत कम उम्र में बलात्कार का शिकार बने लोग अब 48 साल की उम्र तक शिकायत दर्ज करा सकते हैं. अब तक व्यस्क होने के बाद शिकायत करने की समयसीमा 20 साल तक थी जिसे अब बढ़ाकर 30 साल कर दिया गया है.

फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने कहा कि इस बिल का मकसद यह है कि महिलाएं "बाहर जाने से डरें नहीं". दुनिया भर में महिलाएं अपने साथ हुए यौन दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के अनुभवों को सोशल मीडिया पर साझा कर रही हैं.

नए कानून में यौन अपराधों के लिए लगने वाले जुर्माने को भी 90 यूरो से बढ़ाकर 750 यूरो कर दिया गया है. अगर दोषी फिर से अपराध करता है तो जुर्माने की राशि बढ़ाई जा सकती है. श्कियापा ने बताया कि सड़क पर होने वाले उत्पीड़न में ऐसे भी मामले शामिल होंगे जिसमें महिला की दिलचस्पी न होने से बाजवूद कोई उससे बार बार उसका मोबाइल नंबर पूछे. बिल में ऑनलाइन यौन उत्पीड़न के खिलाफ भी कड़े कदमों का प्रावधान हैं.

वहीं कई आलोचकों ने सवाल उठाया है कि इस कानून को कैसे लागू किया जाएगा. वहीं कुछ लोग 'फ्रेंच रोमांस' का अंत कह कर इस बिल का मजाक भी उड़ा रहे हैं. ऐसी आलोचनाओं पर श्कियापा कहती हैं, "अगर हम सड़कों पर होने वाले उत्पीड़न को रोकना चाहते हैं तो कुछ लोग कह रहे हैं हम फ्रेंच लवर की संस्कृति को मार देंगे. लेकिन दो वयस्कों के बीच अगर सहमति से होता है तो सब कुछ ठीक है, हम किसी को रिझा सकते हैं, बात कर सकते हैं लेकिन अगर कोई ना कहता है तो उसका मतलब सिर्फ ना है. इसके आगे कुछ नहीं."

एके/एमजे (डीपीए, रॉयटर्स)