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नाटो के लिए पाक सीमा खोलने पर बैठक

१५ मई २०१२

नाटो शिखर सम्मलेन से पहले पाकिस्तान में नाटो के लिए सीमा खोलने पर आज बैठक हो रही है. विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने इसका पक्ष लिया है. छह महीने से पाकिस्तान ने अमेरिकी हमले में सैनिकों की मौत के बाद सीमा बंद कर दी थी.

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तस्वीर: AP

पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा है कि नाटो सप्लाई के लिए सीमा को खोल देना चाहिए क्योंकि सरकार ने छह महीने के लिए सीमा बंद कर अपना रुख साफ कर दिया है. सीमा खोलने के मुद्दे पर आज पाकिस्तान सरकार और उच्च सैन्य अधिकारियों की बैठक हो रही है. इसके बाद बुधवार को पूरे मंत्रिमंडल की एक और बैठक होगी और फैसला लिया जाएगा. पाकिस्तान की यह बैठक नाटो शिखर सम्मलेन से कुछ ही दिन पहले की जा रही है. नाटो शिखर सम्मलेन शिकागो में 21 और 22 मई को होना है.

पाकिस्तान ने नवंबर में अमेरिका के लिए सीमा तब बंद कर दी जब अमेरिका के एक हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों की जान गई और सेना की दो चौकियां नष्ट हो गईं. अमेरिका ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया लेकिन माफी मांगने से इनकार कर दिया. पाकिस्तान में यह मामला संसद तक पहुंचा. संसद ने मांग की कि अमेरिका के लिए अफगान सीमा तब ही खोली जाएगी अगर अमेरिका सैनिकों की मौत के लिए बिना किसी शर्त के पाकिस्तान से माफी मांगे और देश में ड्रोन हमले बंद करने का वादा करे. अमेरिका ने पाकिस्तान की दोनों ही शर्तें मानने से इनकार कर दिया.

Obama und Gilani in Seoul 2012
गिलानी और ओबामातस्वीर: Reuters

इसके बाद से पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते और उलझते दिखने लगे हैं. जानकारों का मानना है कि ओबामा सरकार कांग्रेस और रिपब्लिकन उम्मीदवार मिट रोमनी की आलोचना के कारण माफी मांगने से कतरा रही है. अपना नाम न बताने की शर्त पर एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अमेरिका की ओर से एक दल कई हफ्तों से पाकिस्तान में है और मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहा है. अधिकारी ने कहा कि इस दल ने रविवार को पूरा दिन पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बैठक की.

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि वे सीआईए द्वारा पाकिस्तान में किए जा रहे ड्रोन हमलों को रोकने के हक में नहीं हैं क्योंकि इन हमलों में उन आतंकवादियों का सफाया किया जा रहा है जो पश्चिमी देशों के लिए खतरा बने हुए हैं. यह मामला इसलिए भी पेचीदा है कि अतीत में पाकिस्तान खुद कई बार इन हमलों में अमेरिका का साथ दे चुका है. पाकिस्तान के लिए अमेरिका के साथ रिश्ते सुधारना केवल नाटो शिखर सम्मलेन के कारण ही जरूरी नहीं हैं, बल्कि इसलिए भी कि अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली अरबों डॉलर की मदद रोकी हुई है.

मंगलवार को होने वाली बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी, सेना प्रमुख जनरल अशफाक कयानी, आईएसआई के प्रमुख जहीर उल इस्लाम और विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार भी भाग लेंगे. पाकिस्तान के एक अधिकारी ने बैठक के बारे में कहा, "यह एक महत्वपूर्ण बैठक है और यह पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों का भविष्य तय करेगी."

आईबी/एमजे (एपी,एएफपी)

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