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'नहीं ख़रीद रहे लिवरपूल'

९ फ़रवरी २०१०

ब्रिटिश अख़बार की ख़बर का खंडन करते हुए अंबानी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा कि हमारी कंपनी नहीं है लिवरपूल ख़रीदने की दौड़ में. हालांकि सहारा ग्रुप अभी कुछ भी कहने को राज़ी नहीं.

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मुकेश अंबानी ने इंकार कियातस्वीर: AP

मुकेश अंबानी ने इस ख़बर से इंकार किया है कि वो लिवरपूल फ़ुटबॉल क्लब ख़रीदने की दौड़ में शामिल हैं. हाल ही में ब्रिटिश अख़बार द टाइम्स ऑफ़ लंदन में ये ख़बर थी कि भारत के दो बड़े उद्योगपति, मुकेश अंबानी और सहाराश्री सुब्रत रॉय लिवरपूल क्लब में 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी ख़रीदने का मन बना चुके हैं. हालांकि रिलायंस के प्रवक्ता सुदीप पुरकायस्थ का कहना है कि ये रिपोर्ट बिल्कुल ग़लत है और हम इसका पूरी तरह खंडन करते हैं.

अख़बार के अनुसार दुनिया के सातवें सबसे धनी उद्योगपति मुकेश अंबानी और सहारा के प्रमुख सुब्रतो रॉय, दोनों ने मिलती जुलती बोली लगाई है. लिवरपूल पर 23 करोड़ 70 लाख पाउंड का कर्ज़ है जिसे चुकाने के लिए क्लब अपनी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रहा है. फिलहाल अमेरिका के जार्ज जिलेट और टॉम हिक्स इसके मालिक हैं जिन्होंने फरवरी 2007 में यह क्लब खरीदा था.

रिपोर्ट की मानें तो सुब्रत रॉय की इस क्लब में दिल्चस्पी अधिक लगती है. हालांकि कंपनी के प्रवक्ता न तो इस रिपोर्ट का खंडन कर रहे हैं और न ही इसका समर्थन. सहारा के प्रवक्ता अभिजीत सरकार का कहना है कि हम अभी इस मुद्दे पर कोई बयान देने की स्थिति में नहीं हैं.

दोनों ही ग्रुप खेल की दुनिया में एक महत्वपूर्ण नाम हैं. जहां 2008 में अंबानी ने आईपीएल में एक टीम ख़रीदी थी वहीं सहारा भी अगले आईपीएल तक लखनऊ की एक टीम खड़ी कर सकता है. इतना ही नहीं पिछले फरवरी में सहारा ने मैन्चेस्टर युनाइटिड की टी शर्ट भी स्पॉन्सर की थी.

लिवरपूल के प्रमुख क्रिस्टियन पर्सलो ने इस ख़बर का खंडन किया है लेकिन अख़बार के अनुसार ये प्रक्रिया नवंबर में ही शुरू हो गई थी. जिलेट और हिक्स के बीच बढ़ते मतभेदों के कारण ये अफ़वाहें तेज़ हो गयी हैं कि क्लब किसी ख़रीददार की तलाश में हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां तनुश्री सचदेव

संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्या