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नववर्ष के जश्न में 61 लोगों की जान गई

१ जनवरी २०१३

पश्चिम अफ्रीकी देश आइवरी कोस्ट की अबीजान में नए साल के जश्न के दौरान मची भगदड़ में कम से कम 61 लोगों की मौत हो गई है. नए साल का स्वागत करने के लिए आतिशबाजी देखने जमा हुए लोग मारे गए.

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तस्वीर: AFP/Getty Images

टीवी पर दिखाई तस्वीरों में शहर के प्रमुख स्टेडियम के बाहर जमीन पर शव पड़े दिखे. मौके पर मौजूद पत्रकारों ने कई घायल बच्चों को भी देखा है. चारों तरफ कपड़े और जूते बिखरे हुए हैं. अब यहां सेना और पुलिस को तैनात कर दिया गया है. सेना की तरफ से तैनात राहत कर्मचारियों के प्रमुख लेफ्टिनेंट कर्नल इसा साको ने पत्रकारों से कहा है कि 61 लोगों की मौत हुई है. साको ने कहा, "49 घायल लोगों को बचा लिया गया है." उन्होंने यह भी बताया कि बहुत से घायल खुद ही अस्पताल गए हैं. एक और राहत अधिकारी ने पहले कहा था कि हादसे में कम से कम 200 लोग घायल हुए हैं.

Mindestens 60 Tote bei Massenpanik in Elfenbeinküste
तस्वीर: AFP/Getty Images

साको ने बताया कि स्टेडियम में उमड़ते जा रहे लोगों की भारी भीड़ ने जबर्दस्त धक्का मुक्की पैदा कर दी और इसके बाद भगदड़ मच गई. साको के मुताबिक, "लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़ गए और बहुत से लोगों की भीड़ में सांस घुट गई. "चश्मदीदों के मुताबिक आतिशबाजी बंद होने के बाद भगदड़ मची और इसके वजह का ठीक ठीक पता नहीं चल सका है. भगदड़ स्टेडियम के मुख्य गेट के पास मची वहां सुरक्षा बलों ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पेड़ के तीन तनों को लगा रखा था.

हादसे में बुरी तरह घायल और डरे हुए 40 बच्चों को कोडी के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. देश की आर्थिक राजधानी के उत्तरी हिस्से में मौजूद यह इलाका अमीर लोगों का समझा जाता है. जेनब नाम की एक महिला अपने दो बच्चों के साथ गई थी लेकिन बाद में उसका एक बच्चा अस्पताल में भर्ती मिला. जेनब ने पत्रकारों को बताया, "मुझे नहीं पता कि क्या हुआ लेकिन मैं जमीन पर गिरी हुई थी औऱ लोग मेरे ऊपर से गुजरते जा रहे थे. इससे मेरे बाल खिंच रहे थे और मेरे कपड़े फट गए." जेनब ने बताया कि वह बेहोश हो गईं लेकिन बाद में एक नौजवान ने उन्हें खींच कर भीड़ से बाहर निकाला.

Mindestens 60 Tote bei Massenpanik in Elfenbeinküste
तस्वीर: AFP/Getty Images

नए साल की शुरूआत पर पिछले दो सालों से यहां आतिशबाजी का आयोजन हो रहा है. भारी उठापटक के बाद देश की कमान संभालने में सफल हुए राष्ट्रपति अलासाने ओउतारा ने इस आतिशबाजी को देश में बदलाव की निशानी बना दिया है. दिसंबर 2010 से अप्रैल 2011 के बीच देश में भारी अनिश्चितता और उथल पुथल रही पर आखिरकार विपक्षी नेता अलासाने ओउतारा अंतरराष्ट्रीय मदद से देश की गद्दी पर काबिज होने में सफल हुए.

राष्ट्रपति ने सोमवार की शाम देश की जनता के सामने उम्मीदों का आसमान फैलाया और अपने भाषण में कहा कि अब जितनी संभावनाएं हैं उतनी पहले कभी नहीं थी. उन्होंने वादा किया कि जल्दी ही आर्थिक उन्नति और विकास का फायदा लोगों को मिलेगा.

एनआर/एमजे (एएफपी)