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''नरसंहार की मशीनरी का छोटा पुर्जा''

२६ नवम्बर २००९

कंबोडिया में ख्मेर रूज़ तानाशाही के ख़िलाफ़ नरसंहार ट्रिब्यूनल में हज़ारों क़ैदियों की हत्या के लिए अभियोजन पर ने डूच को 40 साल क़ैद की मांग की है. डूच ने अपने को हत्या की बड़ी मशीनरी का छोटा पुर्जा बताया.

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तस्वीर: AP

अभियोजन पक्ष के अंतरराष्ट्रीय वकील विलियम स्मिथ ने कहा कि दरअसल उस मानवविरोधी बर्बरता के लिए आजीवन कारावास सही होता, जिसके साथ काइंग गुएक इयाव उर्फ़ डूच के नेतृत्व में एस 21 जेल में 12 हज़ार से अधिक बंदियों को यातना दी गई और हत्या की गई. स्मिथ ने डूच की सीमित सहयोग की तैयारी और ट्रिब्यूनल द्वारा गिरफ़्तार किए जाने से पहले 8 साल तक कंबोडिया की सेना की क़ैद में रहने को कम सजा की मांग की वजह बताया.

डूच पर 1975 से 79 तक चले ख़्मेर रूज़ तानाशाही के दौरान मानवता के ख़िलाफ़ अपराध के लिए मुक़दमा चलाया जा रहा है. वह कुख्यात जेल एस 21 का प्रमुख था और उसने वहां बंद 15 हज़ार क़ैदियों को यातना देने और फांसी देने के आदेश दिए थे. उनमें से बहुत कम लोग जीवित बच पाए थे.

डूच की बर्बरता के शिकार हुए लोगों और उनके परिजनों ने अभियोजन पक्ष की मांग पर रोष व्यक्त किया है. एस 21 में जीवित बच गए और हाल ही में गठित संगठन ख़्मेर रूज़ का शिकार हुए लोगों के संघ के प्रमुख चाउ माय ने कहा, "ये कोई न्याय नहीं है. ट्रिब्यूनल विफल हो गया है."

बुधवार को डेढ़ घंटे के बयान के साथ अभियुक्त ने अपना बचाव किया. शांत और भावनाहीन दिख रहे 67 वर्षीय डूच ने अपने को व्यवस्था का "अधिकारहीन पहिया" बताया. डूच ने कहा कि वह इस बीच मृत तानाशाह पोल पोत के नेतृत्व वाली ख़्मेर रूज़ के सर्वोच्च नेतृत्व और मुक़दमा शुरू होने पहले मरे ता मोक के आदेशों का पालन कर रहा था. उसने एक बार फिर अपने शिकारों से माफ़ी मांगी और कहा, "मुझे ऐसे भयानक विनाश पर गहरा पछतावा और सदमा है."

डूच के वकील कार सावुथ ने उसके बचाव बयान से पहले मुक़दमे की वैधता पर सवाल उठाया और कहा कि एस 21 ख़्मेर रूज़ की 196 जेलों में से एक था जहां यातना दी गई और हत्याएं की गईं. कार सावुथ ने सवाल किया कि क्यों एकमात्र जेलप्रमुख डूच पर मुक़दमा चलाया जा रहा है, दूसरों पर नहीं? अगले साल के आरंभ में मुक़दमे का फ़ैसला सुनाए जाने की संभावना है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: अशोक कुमार