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नरम बायोनिक हाथ बनाने में कामयाबी

१० जुलाई २०१३

इंसान जैसे रोबोटिक हाथ अब तक सिर्फ विज्ञान कथाओं में ही होते आए हैं, लेकिन जर्मन वैज्ञानिकों ने अब नरम मटीरियल से एक बायोनिक हाथ विकसित किया है, जिसमें चीजों को उठा सकने की कुशलता है.

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तस्वीर: Getty Images/AFP

सिलिकॉन या रबर जैसी मुलायम चीजों से बनी अंगुलियां को कंप्रेस्ड हवा की मदद से फुलाया जाता है. इसकी वजह से उनमें विशेष क्षमता आती है जो उन्हें मोटर, गीयर, ज्वाइंट और कारों से बने परंपरागत इलेक्ट्रोमैकेनिकल हाथों से अलग करती है.

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तस्वीर: Festo AG & Co/Bionic Learning Network

इस बायोनिक हाथ को बर्लिन के रोबोटिक्स-साइंस एंड सिस्टम्स सम्मेलन में पेश किया गया जहां पीएचडी छात्र रफाएल डाइमेल ने उसके काम करने के तरीके का प्रदर्शन किया. एयर कंप्रेशन तकनीक के इस्तेमाल का मतलब यह हुआ है कि अंगुलियां कितना मुड़ेंगी यह पकड़ी जाने वाली वस्तु के आकार पर निर्भर करेगा. डाइमेल बताते हैं, "हाथ को किसी सेंसर तकनीक की जरूरत नहीं होती और यह कलम से लेकर सनग्लासेस और बोतल से लेकर कपड़े तक अलग अलग चीजों को उठा सकता है." नरम हाथ उठाई जाने वाली चीजों की सतह को नुकसान नहीं पहुंचाता. इस पर गर्मी, पानी और रेत का भी असर नहीं होता.

Bertolt Mayer Sozialpsychologe mit Rex Bionic man
तस्वीर: Reuters

डाइमेल और बर्लिन के टेक्निकल यूनिवर्सिटी में उनके प्रोफेसर ओलिवर ब्रॉक ने इंटरनेट पर नरम मटीरियल से बायोनिक हाथ बनाने का तरीका भी प्रकाशित किया है ताकि रोबोट बनाने वाले शौकिया लोग भी खुद इस तकनीक को ट्राय कर सकें. इसे बनाना अपेक्षाकृत आसान है और धातु से बनने वाले रोबोटिक हाथों की तुलना में बहुत किफायती भी, जिन्हें बनाने में डाइमेल के मुताबिक 1,00,000 डॉलर से ज्यादा लगते हैं. सिलिकॉन वाले हाथ बनाने में 400 से 600 डॉलर लगते हैं, लेकिन वे अब तक सिर्फ 500 ग्राम तक की चीजें उठा सकते हैं. (सोच से चलने वाला रोबोट)

डाइमेल मानते हैं कि बायोनिक हाथ आने वाले समय में मानवीय हाथों की कुशलता के करीब नहीं पहुंच पाएंगे, "आइडिया यह है कि एक दिन रोबोट इंसान की रोजमर्रे में मदद कर पाएंगे. वे चीजों को एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचा पाएंगे, खोई चाबियां खोज पाएंगे और कमरों की सफाई कर पाएंगे." फिलहाल यह तकनीक अक्सर काम करती है, लेकिन हमेशा नहीं करती.

एमजे/ आईबी (डीपीए)

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