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नए वनडे फॉरमेट पर भड़के कंगारू, सचिन का स्ट्रेट ड्राइव

१४ अगस्त २०१०

ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों ने वनडे के नए फॉरमेट की आलोचना की. बड़बोलेपन की मिसाल कायम करते हुए ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट एसोसिएशन ने कहा कि उनके क्रिकेटर इससे नाराज हैं. सचिन ने किया नए फॉरमेट का स्वागत.

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तस्वीर: AP

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने नए वनडे फॉरमेट को मंजूरी दे दी है. लेकिन उसी के खिलाड़ी इस पर भड़के हुए हैं. ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट एसोसिएशन ने कहा है कि दो पारियों में बांटने से वनडे का भला नहीं होगा. खुद को खेल और दर्शकों के मनोविज्ञान का सबसे बड़ा ज्ञानी मानने वाले ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट एसोसिएशन ने कहा, ''जो लोग इस खेल को खेलते हैं और खेल को दूसरों से ज्यादा जानते हैं, वह मानते हैं कि नए फॉरमेट को अपनाना खिलाड़ियों के लिए मुश्किल भी है और निराशाजनक भी.''

ऑस्ट्रेलिया में घरेलू क्रिकेट सत्र शुरू होने जा रहा है. इसी दौरान दो पारियों वाले वनडे फॉरमेट का परीक्षण किया जाएगा. मैच 45 ओवर का होगा. पहली पारी में 20 ओवर और दूसरी पारी में 25 ओवर का खेल होगा. लेकिन इस फॉरमेट की आलोचना करते हुए ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट एसोसिएशन के चीफ एक्जीक्यूटिव पॉल मार्श कहते हैं, ''हम मानते है कि वनडे क्रिकेट चुनौतियों का सामना कर रहा है. हम भी खेल को बचाने के लिए बेहतरीन रास्ता निकालना चाहते हैं. लेकिन खिलाड़ियों को ऐसा नहीं लगता कि गेम को दो पारियों में बांट देना सर्वश्रेष्ठ हल है.''

Shahid Afridi
सिर्फ टॉस नहीं जिताएगा मैचतस्वीर: AP

वैसे ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों से इतर वनडे के नए फॉरमेट की खूब चर्चा हो रही है. नई स्टाइल के वनडे में एक बॉलर 10 की जगह 12 ओवर गेंदबाजी कर सकता है. पहली पारी में बढ़त हासिल करने वाली टीम को बोनस प्वाइंट मिलेंगे. एक बल्लेबाज एक बार ही खेलेगा. टेस्ट की तरह हर बल्लेबाज को दो बार बैटिंग करने का मौका नहीं मिलेगा. यानी क्रिकेट में एक नया रोमांच और तड़का लगेगा. कप्तानों को रणनीति बदलनी पड़ेगी. पहली पारी में ऐसे खेलना होगा कि दूसरी पारी के लिए भी स्टार बल्लेबाजों के विकेट बचे रहें. पहली पारी के बाद टीमों को रणनीति पूरी तरह बदलनी पड़ सकती है. जाहिर है इन समीकरणों के साथ खेल प्रेमियों को भी क्रिकेट में नयापन मिलेगा.

भारत के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने नए फॉरमेट का स्वागत किया है. सचिन लंबे समय से इसकी वकालत कर रहे थे. शनिवार को उन्होंने कहा,''मुझे खुशी है कि ऑस्ट्रेलिया में इसे ट्राइ किया जा रहा है. आजकल हम टॉस के बाद ही 75 फीसदी मैचों के नतीजे का अंदाजा लगा सकते हैं. लेकिन दो पारियों में बांटने के बाद टॉस पर निर्भरता कम हो जाएगी. अगर मैच डे नाइट हुआ तो दोनों टीमों को दूधिया रोशनी में बल्लेबाजी करनी पड़ेगी."

क्रिकेट में सचिन के 20 साल के अनुभव को देखने के बाद कहा जा सकता है कि पॉल मार्श क्रिकेट की जानकारी को लेकर अतिआत्मविश्वास का शिकार हो गए हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: महेश झा