नई नई यमी आइसक्रीम
१३ अगस्त २०१३गर्मी की दोपहर में शरीर और मन को आराम देने वाले आईसक्रीम से बेहतर क्या हो सकता है. जर्मनी में आईसक्रीम की कुछेक थोड़ी सी किस्में मिलती थी, जबकि इस बीच नई नई किस्में बाजार में आ गई हैं.
बॉन के आईस पार्लर "आईसलैब" में रविवार की दोपहर शांति का माहौल है. हालांकि सूरज चमक रहा है, हवा गर्म है, लेकिन इक्का दुक्का ग्राहक ही पार्लर की ओर रुख कर रहे हैं. सेल्सगर्ल इवा श्टोयानोव बताती है, "शाम में जाकर यहां भीड़ भाड़ होती है, वीकएंड में लोग सोना पसंद करते हैं." जैसा कि आईसलैब का नाम बताता है, यहां बर्फ के टुकड़े कर उनकी जांच नहीं की जाती, बल्कि रोजाना उच्च क्वालिटी और असाधारण किस्मों वाली ताजा आईसक्रीम तैयार की जाती है.
आईस पार्लर की मालकिन पेत्रा रेकर ने अभी अभी आज की बिक्री के लिए आईसक्रीम बनाना पूरा किया है. गर्मियों में वे सुबह तड़के ही आईसक्रीम बनाने वाली मशीन पर काम करना शुरू कर देती हैं. "यदि आप बर्फ के मसाले को अच्छी तरह और देर तक मिलाते हैं, तो वह अच्छा और क्रीमी हो जाता है. इसके लिए समय और संयम की जरूरत होती है."
कुछ नया या पारंपरिक?
आईसलैब में हर रोज दर्जन से ज्यादा किस्मों की आईसक्रीम तैयार की जाती है. इनमें चॉकलेट, वनीला या स्ट्रॉबेरी वाली कुछ पारंपरिक किस्में होती हैं तो अवोकाडो या सॉल्टेड कारामेल आईस जैसी नई किस्में भी. रेकर बताती हैं, "हमारे यहां इस बीच अवोकाडो आईसक्रीम उतनी ही लोकप्रिय है जितनी चॉकलेट या वनीला." ग्राहकों की मांग पर ही उनके मन में आईसक्रीम की इस तरह की नई नई और असामान्य किस्में बनाने का विचार आया.
यदि जर्मनी में अलग अलग स्वाद वाले आईसक्रीम की मांग पर विचार किया जाए तो चोटी पर बहुत कुछ नहीं बदला है. जर्मनी में इटैलियन आईसक्रीम उत्पादकों के संघ की अनालीजा कार्नियो का कहना है, "परंपरागत आईसक्रीम अभी भी सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं." लेकिन नई किस्मों की मांग बढ़ रही है. ग्राहकों की पसंद में उनकी उम्र की भी अहम भूमिका होती है. बच्चों को क्लासिक आईसक्रीम पसंद है तो बड़े बुजुर्ग नया टेस्ट करने से नहीं घबराते. कार्नियो बताती हैं, "हमने पाया है कि कुछ पुरानी किस्मों में अगर हल्का सा मसाला डाल दिया जाए तो वह लोगों को पसंद आता है."
बिना दूध वाली आईसक्रीम
बॉन के आईसलैब में नए स्वाद वाली आईसक्रीम के अलावा दूसरी बातों पर भी ध्यान दिया जाता है जो ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण होती हैं. पेत्रा रेकर कहती हैं, "हमारे यहां आईसक्रीम की ऐसी किस्मों की बड़ी मांग है जिसमें दूध के अंश न हों." इसकी वजह यह है कि शुद्ध शाकाहारी लोगों की तादाद बढ़ रही है और ऐसे लोग भी हैं जिन्हें लैक्टोज की एलर्जी है. ऐसे ग्राहकों के लिए रेकर शर्बत बेचती हैं. सांड्रा मारकेज आईसलैब में वहां मिलने वाले शर्बतों की वजह से ही आती हैं. वे कहती हैं, "खासकर चॉकलेट शर्बत की वजह से जो और कहीं शायद ही मिलता है." आज उन्होंने ऑरेंज के टेस्ट वाला चॉकलेट लिया है.
आईसक्रीम बनाने में रचनात्मकता की कोई सीमा नहीं है. कोई भी टेस्ट कीजिए, किसी फल को दूसरे फल के साथ मिलाइए या उसमें पुदीना जैसे हर्ब डालिए. अल्कोहल के साथ आईसक्रीम खाने के प्रेमियों के लिए भी आजकल कोई दिक्कत नहीं है. लिकर, वाइन या बीयर के साथ भी आईसक्रीम की किस्में तैयार होने लगी हैं. बॉन के आईसलैब में भी अलकोहल के साथ आईसक्रीम बनाई जा रही है. पेत्रा रेकर बताती हैं, "मसलन हम कंपारी के साथ ग्रेप फ्रूट आईसक्रीम बना रहे हैं. ग्रेप की कड़वाहट कंपारी के साथ अच्छा मेल खाती है." लोगों के लिए महत्वपूर्ण है कि उन्हें अच्छी क्वालिटी की खाने की चीजें मिलें.
रिपोर्ट: मार्कुस लुटिके/एमजे
संपादन: आभा मोंढे