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क्या उम्मीद है भारत अमेरिका 2 + 2 बैठक से?

चारु कार्तिकेय
२६ अक्टूबर २०२०

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पेओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर सोमवार को भारत-अमेरिका के मंत्रियों के बीच वार्षिक 2+2 बातचीत के लिए भारत आ रहे हैं. आधिकारिक बातचीत मंगलवार को होगी.

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Indien | USA | Staatsbesuch Mike Pompeo |
तस्वीर: Reuters/A. Abidi

इस यात्रा के दौरान दोनों अमेरिकी मंत्री भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि आधिकारिक चर्चा चार बिंदुओं पर केंद्रित रहेगी, जिनमें क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग, रक्षा जानकारी साझा करना, सैन्य सहयोग और रक्षा व्यापार शामिल हैं.

उम्मीद की जा रही है कि बैठक की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी दोनों देशों के बीच बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट (बीईसीए) पर हस्ताक्षर. इस संधि पर हस्ताक्षर हो जाने से भारत अमेरिका की जीयोस्पेशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर पाएगा और अपने मिसाइल और सशस्त्र ड्रोन जैसे हथियारों और ऑटोमेटेड प्रणालियों की सूक्ष्मता को भी बढ़ा पाएगा.

इसी साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने जल्द ही इस संधि पर हस्ताक्षर हो जाने की जरूरत पर जोर दिया था. ये दोनों देशों के बीच 2 + 2 बातचीत का तीसरा साल है. इसकी शुरुआत 2018 में नई दिल्ली में ही हुई थी.

Japan Quad Indo-Pazifik Außenministertreffen in Tokio
अमेरिका और भारत द्विपक्षीय स्तर के अलावा क्वॉड जैसे बहुपक्षीय मंचों पर भी आपसी सहयोग बढ़ा रहे हैं.तस्वीर: Nicolas Datiche/Reuters

दूसरे दौर की बातचीत 2019 वॉशिंगटन में हुई थी. इस साल इस समय वार्ता का होना बहुत दिलचस्प है क्योंकि अमेरिका में एक सप्ताह में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं. बल्कि एडवांस वोटिंग शुरू भी हो चुकी है और काफी आगे बढ़ चुकी है. एक तरह से अमेरिका चुनावों के बीच में है और सरकारें अमूमन ऐसे समय में कूटनीतिक बैठक, बातचीत या संधि हस्ताक्षर पर आगे नहीं बढ़ती हैं.

लेकिन अमेरिकी मंत्रियों की यह यात्रा काफी महत्वाकांक्षी है. पोम्पेओ भारत के बाद श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया भी जाएंगे. यात्रा पर निकलने से पहले उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "मैं हमारे साझेदारों से जुड़ने के इस मौके पर आभारी हूं. इस से हम एक ऐसे स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक की साझा परिकल्पना को आगे ले जा पाएंगे, जिसमें सभी देश आत्मनिर्भर, मजबूत और समृद्ध हों."

अमेरिका और भारत द्विपक्षीय स्तर के अलावा बहुपक्षीय मंचों पर भी आपसी सहयोग बढ़ा रहे हैं. नवंबर में क्वॉड समूह के तहत अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाएं भारत के समुद्री तट के करीब एक साझा सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेंगी. दोनों देशों के बीच रक्षा व्यापार भी बढ़ा है. अमेरिकी सरकार के अनुसार भारत अभी तक अमेरिका से 20 अरब मूल्य की रक्षा खरीद पूरी कर चुका है.

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