धुंध के चादर में लिपटी दिल्ली
लगातार दूसरे दिन दिल्ली धुंध के चादर में लिपटी रही और दिल्ली वासियों के लिए यह एक और दिक्कत भरा दिन रहा. इन तस्वीरो में देखिये दिल्ली की दशा.
स्कूल बंद
धुंध के कारण हांफ रही दिल्ली में बच्चों को रविवार तक स्कूल जाने से छुट्टी मिल गयी है. अधिकारियों ने प्रदूषण का स्तर बढ़ने की रिपोर्ट मिलने के बाद स्कूलों में छुट्टी करवा दी है.
खतरनाक पीएम 2.5
अमेरिकी दूतावास की वेबसाइट दिखा रही है कि दिल्ली की हवा में जहरीले कण पीएम 2.5 की मात्रा बुधवार को 700 के पार चली गयी जो डब्ल्यूएचओ के निर्देशों से करीब 28 गुना ज्यादा है.
30 गुना ज्यादा
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों में सुरक्षित माने जाने वाले स्तर से इस वक्त दिल्ली का प्रदूषण करीब 30 गुना ज्यादा है. .
डॉ़क्टरों की चेतावनी
डॉक्टरों ने इसे आपातकाल बताते हुए प्रशासन से इसके विरुद्ध कदम उठाने की मांग की है. उधर पर्यावरण प्रदूषण विभाग ने आगे और गंभीर स्थिति आने की चेतावनी दी है. सरकार मेट्रो का किराया घटाने और पार्किंग फीस बढ़ाने पर विचार कर रही है.
प्रदूषण में परेड
बेल्जियम के राष्ट्रपति इन दिनों दिल्ली के दौरे पर है, भारी धुंध के बीच ही उन्हें राष्ट्रपति का अंगरक्षक बल गार्ड ऑफ ऑनर दे रहा है.
काम नहीं रुकता
भारी धुंध होने के बावजूद मजदूर अपने काम में जुटे हैं, दिहाड़ी मजदूर हैं अगर काम नहीं किया तो शाम को चूल्हा कैसे जलेगा. हालांकि अगर हालात नहीं सुधरे तो सरकार निर्माण कामों को रोक सकती है.
जाड़े की मुसीबत
दिल्ली की हवा में ठंड के कारण कोहरा बन रहा है और धुएं और धूल के कण इसमें मिल कर इसे खतरनाक बना रहे हैं. कोहरे के कारण ये कण ज्यादा ऊंचाई पर नहीं जा पा रहे.
तात्कालिक उपाय से फायदा नहीं
2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दिल्ली की खराब स्थिति के बारे में रिपोर्ट दी थी. तब दिल्ली के बिजली घरों को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया, कारों को सड़कों पर से हटाया गया लेकिन इन तात्कालिक कदमों से ज्यादा फायदा नहीं हुआ.
कैसे बचें?
पैदल और बाइक पर चलने वाले लोगों ने चेहरे को रूमाल या स्कार्फ से ढंक रखा है फिर भी सांस लेने में दिक्कत हो रही है.
दिवाली के बाद
यह तस्वीर दिवाली के एक दिन बाद की है, पटाखों पर रोक लगाने के बाद भी दिल्ली के वायुमंडल में धुएं का असर साफ देखा जा सकता है.
ट्रैफिक पुलिस के लिए मास्क
दिवाली के एक दिन बाद भी ट्रैफिक पुलिस को मास्क पहन कर ड्यूटी करनी पड़ी क्योंकि हवा में प्रदूषण के कारण सांस लेना मुश्किल था.
धुंध ही धुंध
दिवाली के एक दिन बाद भी घने गहरे धुएं और कोहरे ने दिल्ली की सड़कों को अपनी गिरफ्त में ले लिया था. दिल्ली को पहले से ही दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी कहा जाता है.
पटाखों का असर
सुप्रीम कोर्ट ने पटाखा बेचने पर तो रोक लगा दी लेकिन, लोगों ने जहां तहां से जुगाड़ कर इन्हें जलाने का रास्ता निकाल ही लिया लेकिन बीते सालों की तुलना में यह काफी कम रहा.