धरती के इतिहास में खो गए ये जीव
विशालकाय डायनोसोर किसी समय इसी पृथ्वी पर रहते थे. लेकिन अचानक एक दिन उनका कोई नामोनिशान ना रहा. इसी तरह कई अन्य प्राणी भी अचानक खत्म हो गए. इन तस्वीरों में देखें ऐसे ही कुछ विलुप्त प्राणी.
होमो फ्लोरेसिएन्सिस (हॉबिट)
गंभीर दिखने वाला ये इंसान 2003 में इंडोनेशियाई द्वीप पर मिला. यह सिर्फ एक मीटर लंबा था और जेआरआर टल्कियेन की लॉर्ड ऑफ द रिंग्स कहानी में हॉबिट जैसा दिखता था. इसलिए इसे हॉबिट कहा जाता है. शायद यह आधुनिक मनुष्य से अलग प्रजाति का था. धरती पर दोनों ही रहते थे. करीब 15,000 साल पहले हॉबिट प्रजाति ने दुनिया को अलविदा कह दिया.
क्वागा
घोड़े और जेबरा का मिक्स दिखने वाला ये जानवर असल में एक जेबरा है. दक्षिण अफ्रीकी जेबरा की ये एक उप प्रजाति है. लोग इसका शिकार करते और खाने में इसकी टक्कर थी पालतू जानवरों से. क्वागा 1883 में धरती से खत्म हो गया.
ब्रैकियोसॉरस
ये प्राणी धरती से 15 करोड़ साल पहले विलुप्त हो गया था. शाकाहारी ब्रैकियोसॉरस धरती पर रहने वाली सबसे बड़ी प्रजातियों में से एक था. पूरे आकार का डायनोसोर बनने में इसे 10 से 15 साल लगते थे. खूब भूख और बढ़िया मैटाबोलिज्म वाला ये प्राणी 13 मीटर ऊंचा और इससे दुगना बड़ा होता था.
ऊनी मैमथ
आइस एज में जिंदा रहने के लिए वुली मैमथ की खाल बहुत ऊनी होती थी. ये हाथी भी आज के हाथी जितने ही बड़े होते थे. हालांकि ये पांच हजार साल पहले धरती से खत्म हो गए. कारण गर्म होता वातावरण और हमारे पूर्वज शिकारी थे.
थाइलैसिन
कुत्ते या भेड़िये जैसा दिखने वाला ये प्राणी तस्मानियाई भेड़िया या तस्मानियाई टाइगर कहलाता है. पेट पर झोली लेकर चलने वाला ये थाइसैलिन हाल के दौर में मांस खाने वाला सबसे बड़ा जानवर था. ऑस्ट्रेलिया का जानवर तस्मानिया के द्वीप पर मिला. यहां आने वाले लोगों ने और उनके कुत्तों ने इसे जीने नहीं दिया. ये 1930 के दशक में खत्म हो गया.
इंड्रीकोथेरियम
आधुनिक राइनोसॉरस के पड़ पड़ दादा बहुत ही बड़े होते थे. करीब 20 टन के ये बड़े भारी प्राणी शाकाहारी थे. जिंदा रहने के लिए इन्हें बहुत घास, पत्तियों की जरूरत होती. ये मध्य एशिया के जंगलों में राज करते थे. ये मेगा राइनो जंगल खत्म होने के बाद दो करोड़ तीस लाख साल पहले खत्म हो गए.
साइकोपाइज एलिगांस
समंदर में रहने वाले ये जानवर करीब दो लाख सत्तर हजार साल रहे. लेकिन अचानक 25 करोड़ साल पहले सारे के सारे खत्म भी हो गए. अब ये सिर्फ जीवाश्म ऑक्शन वाली वेबसाइटों पर ही दिखाई देते हैं.
पैसेंजर पिजन
ये है मार्था, पैसेंजर कबूतर. इसे जॉर्ज वॉशिंगटन की पत्नी के नाम पर ये नाम मिला है. सिनसिनाटी जू में कबूतर की ये प्रजाति 1914 में इस कबूतर के साथ खत्म हो गई. इंसान ने इनके रहने के जंगल खत्म कर दिए और फिर इनका भी शिकार किया.
एंट्रोडेमस
इस भयानक फोटो के साथ तो इसे जुरैसिक पार्क फिल्म में जगह मिल जानी चाहिए थी लेकिन मिली नहीं. यह पश्चिमी अमेरिका में 15 करोड़ साल पहले दादागिरी करता था. खाद्य श्रृंखला में यह सबसे ऊपर होता था.
इन तस्वीरों के लिए हम धन्यवाद करते हैं
नेशनल म्यूजियम ऑफ नैचरल हिस्ट्री, वॉशिंगटन http://www.si.edu/
म्यूजियम फॉर नैचुरल हिस्ट्री बर्लिन http://www.naturkundemuseum-berlin.de/
अमेरिकन म्यूजियम ऑफ नैचरल हिस्ट्री. न्यू यॉर्क http://www.amnh.org/
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