1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

देरी से भेजे जाने के बावजूद समय से पहुंचेगा चंद्रयान-2

२२ जुलाई २०१९

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक चंद्रयान-2 मिशन के प्रक्षेपण की रविवार शाम 6.43 बजे शुरू की गई उल्टी गिनती सोमवार को बिना किसी अवरोध के जारी है.

https://p.dw.com/p/3MUYk
Indien Mondmission
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/ISRO

चंद्रयान-2 मिशन का रॉकेट भारतीय समय के अनुसार सोमवार दोपहर 2.43 बजे प्रक्षेपित किया जाएगा. उल्टी गिनती के दौरान रॉकेट और अंतरिक्ष यान तंत्र की जांच की जाएगी और उसमें ईधन भरा जाएगा. इसरो के अनुसार, दूसरे चरण में अनसिमिट्रिकल डाइमिथाइलहाइड्राजाइन (यूडीएमएच) और नाइट्रोजन टेट्रोक्साइड (एन2ओ4) के साथ ईंधन भरने की प्रक्रिया हो चुकी है.

चंद्रयान-2 के साथ जीएसएलवी-एमके तृतीय को इससे पहले 15 जुलाई को तड़के 2.51 बजे प्रक्षेपित किया जाना था. हालांकि प्रक्षेपण से एक घंटा पहले एक तकनीकी खामी के पाए जाने के बाद प्रक्षेपण स्थगित कर दिया गया था. चंद्रयान-2 परियोजना लगभग 978 करोड़ रुपये की है. इसरो ने बाद में 44 मीटर लंबे और लगभग 640 टन वजनी जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लांच व्हीकल-मार्क तृतीय (जीएसएलवी-एमके तृतीय) की खामी को दूर कर दिया. देरी से भेजे जाने के बावजूद चंद्रयान-2 के चंद्रमा पर पहले की योजना के मुताबिक छह सितंबर को ही पहुंचने का अनुमान है.

जीएसएलवी-एमके तृतीय का उपनाम बाहुबली फिल्म के इसी नाम के सुपर हीरो के नाम पर बाहुबली रखा गया है. इस फिल्म में नायक जैसे विशाल और भारी शिवलिंग को उठाता दिखाया गया है, वैसे ही रॉकेट भी 3.8 टन वजन वाले चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान को उठाकर अंतरिक्ष में ले जाएगा.

उड़ान के लगभग 16वें मिनट में 375 करोड़ रुपये का जीएसएलवी-मार्क तृतीय रॉकेट 603 करोड़ रुपये के चंद्रयान-2 विमान को अपनी 170 गुणा 39, 120 किलोमीटर लंबी कक्षा में उतार देगा. इसरो अब तक तीन जीएसएलवी-एमके तृतीय भेज चुका है. जीएसएलवी-एमके तृतीय का उपयोग 2022 में भारत के मानवसहित अंतरिक्ष मिशन में भी किया जाएगा.

भारत के रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क तृतीय (जीएसएलवी -एमके तृतीय) का प्रक्षेपण देखने के लिए 7,500 लोगों ने इसरो में ऑनलाइन पंजीकरण कराया है. इसरो ने हाल ही में आम जनता को भी प्रक्षेपण देखने की अनुमति दे दी है. इसके लिए एक गैलरी बनाई गई है. गैलरी की क्षमता फिलहाल करीब 10,000 लोगों की है, जिसे धीरे-धीरे बढ़ाने की इसरो की योजना है.

______________

हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | 

एए/आरपी (आईएएनएस)