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देखिए खुद से चलने वाली कार

२८ सितम्बर २०१२

दुनिया को पहली कार देने वाला देश जर्मनी अब बिना ड्राइवर वाली पहली कार देने जा रहा है. जर्मनी के कार्ल्सरूहे इंस्टीट्यूट में इसका परीक्षण चल रहा है. अगर सब कुछ ठीक रहा, तो हादसों में काफी कमी आ सकती है.

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विज्ञान पर आधारित डॉयचे वेले के खास वीडियो शो मंथन में इस कार के बारे में विस्तार से बताया गया है. टेस्टिंग के दौरान कारों को 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ाया गया और इस दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई.

प्रयोग में लगे कार्ल्सरूहे यूनिवर्सिटी के क्रिस्टॉफ श्टिलर का कहना है, "यह ऐसी कार है, जो देख सकती है और समझ सकती है कि वह क्या देख रही है. सब कुछ समझ कर वह अपने हिसाब से रास्ते पर चलने की योजना भी खुद बना लेती है. और यह सब बिना दुर्घटना के होता है."

भारत के राष्ट्रीय टेलीविजन नेटवर्क दूरदर्शन डीडी नेशनल पर शनिवार सुबह 10:30 बजे प्रसारित होने वाले मंथन में इस कार को दिखाया जाएगा और साथ ही इसकी अन्य खूबियां भी बताई जाएंगी. टेस्टिंग में लगे मार्टिन लाउडर इसे गणित की गुत्थी बताते हैं, "यह मैथमैटिकल मॉडल है यानी अंकों के आधार पर बना है. अगर कोई संख्या बहुत ज्यादा बड़ी होगी तो यह इसके शानदार प्रदर्शन का बड़ा इनाम है."

Sendungslogo TV-Magazin "Manthan" (Hindi)
तस्वीर: DW

इसके अलावा मंथन में इंसान की देखभाल करने वाले रोबोटों की भी चर्चा होगी, जो इंसानों की जरूरतों को समझ सकते हैं. दुनिया भर के लिए तकनीकी ज्ञान का महारथी जापान अपने यहां बुजुर्गों की बढ़ती तादाद से पैदा होने वाली मुश्किल का हल रोबोट के रूप में ले कर आया है. यह रोबोट इंसान के बाजुओं में ऐसी ताकत भर सकता है कि 90 साल के बुजुर्ग भी 30 साल के पहलवान से ज्यादा काम कर सकें और वो भी बिना अपने शरीर पर जोर दिए.

जर्मन विदेश प्रसारण सेवा डॉयचे वेले विज्ञान शो मंथन खास तौर पर भारतीय दर्शकों के लिए तैयार कर रहा है, जिसमें विज्ञान, तकनीक और पर्यावरण के अलग अलग पहलू शामिल किए जाते हैं.

आईबी/पीई

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