दुनिया भर में प्रचलित हास्य योग
९ जुलाई २०१२अमेरिकन स्कूल ऑफ लाफ्टर योग के संस्थापक और कार्यकारी निदेशक सेबास्टियन गेन्ड्री कहते हैं, ''हास्य योग करने के बाद हो सकता है आपका वजन कम न हो, लेकिन आपके दिमाग से ये ख्याल जरूर निकल जाएगा कि आप मोटे हैं. लोग इसीलिए आते हैं क्योंकि ये एक तरह की कसरत है. लोग इसे करते हैं और खुद को खुश रखते हैं.''
हास्य योग की शुरुआत आज से 17 साल पहले मुंबई में हुई थी. डॉक्टर मदन कटारिया ने इसकी शुरुआत की थी. आज दुनिया भर के 60 देशों में हास्य योग के 600 क्लब हैं. गहरी सांस लेना, शरीर को खींचने के साथ-साथ हंसी का मेल हास्य योग में सिखाया जाता है. गेन्ड्री पहले अमेरिकन हैं जिन्होंने हास्य योग में प्रशिक्षण हासिल किया है. हास्य योग का मूल विचार यह है कि शरीर कृत्रिम और असली हंसी में फर्क नहीं कर सकता. गेन्ड्री का कहना है कि हम हंसी का रसायन पैदा करने के लिए हंसी की चाल पकड़ते हैं. उनका कहना है, ''हास्य योग का मकसद मांसपेशियों को मजबूत करना नहीं है, बल्कि कठिन सोच से छुटकारा पाना है.'' हास्य योग की एक घंटे की कक्षा में 20 से 40 सेकंड तक के छोटे छोटे सेशन होते हैं. इसमें एक बार हो हो करना सिखाया जाता है तो दूसरी बार हा हा करने के लिए कहा जाता है.
हास्य योग की बुनियादी बात सीखने में एक से दो दिन लगते हैं. लेकिन जो लोग इसे दूसरों को सिखना चाहते हैं उन्हें सात दिन का वक्त लग सकता है. न्यूयॉर्क में फिटनेस सेंटर चलाने वाली लाशौन डेल का कहना है, ''इससे काफी तनाव निकल जाता है. शुरुआत में थोडा असहज लगता है, लेकिन बाद में हंसी को रोकना कठिन हो जाता है. अगर आप तनाव में हैं और आप अपने शरीर का ख्याल नहीं रख पा रहे हैं तो आप तब तक फिट नहीं महसूस करेंगे जब तक आप संतुलित नहीं होंगे.'' हंसने से शरीर का प्रतिरोधी तंत्र मजबूत होता है और ब्लड प्रेशर भी ठीक होता है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुताबिक हर दिन 10 से 15 मिनट तक हंसने में 10 से 40 कैलोरी ऊर्जा खर्च होती है. एंगलवुड, न्यू जर्सी में फिजिकल मेडिसिन और रिहैबिलिटेशन सेंटर के ट्रेनर ग्रेगरी चर्टॉक का कहना है,'' हंसना शारिरिक क्रिया कम है. इसके बजाय यह एक समाजिक क्रिया है जिसमें सबका फायदा है. इसमें लोग खुशी प्रदान करने वाली चीजों में शामिल होते हैं.''
चर्टॉक का कहना है कि मदन कटारिया नोर्मन कजिन्स की किताब 'एनाटॉमी ऑफ इलनेस' से प्रभावित थे. उनका कहना है कि खुद पर नियंत्रण रखने का सिद्धांत और खुद को प्रोत्साहित करने के मनोवैज्ञानिक सिद्धांत के मुताबिक जो लोग खुशहाल जिंदगी चाहते हैं उन्हें तीन चीजों को ध्यान में रखना चाहिए, आजादी, काबिलियत और दूसरों से जुड़ाव. कहते हैं, ''जो लोग शारिरिक रूप से ज्यादा योग नहीं कर सकते वो लोग हास्य योग में खुद को ज्यादा स्वतंत्र और दूसरों से जुड़ा हुआ मसहूस करते हैं.''
वीडी/एमजी(रॉयटर्स)