दुनिया की सबसे महंगी कार में क्या खास है
मर्सिडीज बेंज ने अपनी कार के दुर्लभ मॉडल 300 एसएलआर उहलेनहाउट कूपे को 15.5 करोड़ यूरो में बेच दिया. यह किसी एक कार को मिली अब तक की सबसे ऊंची कीमत है. इससे यह दुनिया की अब तक की सबसे महंगी कार बन गई है.
सिर्फ दो कारें
मर्सिडीज बेंज 300 एसएलआर उहलेनहाउट कूपे मॉडल की दुनिया में सिर्फ दो कारें हैं. ये दोनों कारें श्टुटगार्ट में मर्सिडीज बेंज म्यूजियम में थीं, जिनमें से एक अब बिक गई है और दूसरी म्यूजियम में ही रहेगी. इसे एक शख्स ने अपने निजी संग्रह के लिए खरीदा है.
1955 में बनी कार
1955 में बनी इस कार को अपना नाम मिला इंजीनिर रुडोल्फ उहलेनहाउट जिन्होंने इसे बनाया था. बकौल ओला केलेनियस उहलेनहाउट कूपे स्पोर्ट्स कार के विकास में मील का एक पत्थर है और ब्रांड के इतिहास की नींव भी. कार का इस्तेमाल भी उहलेनहाउट ही करते रहे.
बटरफ्लाई डोर
300 एसएलआर अपने खास बटरफ्लाई दरवाजों की वजह से दूर से ही पहचान में आ जाती है. 8 सिलिंडर वाली 2,982 सीसी की इस कार की ताकत 302 हॉर्स पावर है और यह अधिकतम 290 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है.
दुर्भाग्य का पहिया
कार को 1956 की रेस के लिए तैयार किया गया था, लेकिन यह कभी रेस में नहीं उतर सकी. 1955 में 300 एसएलआर की रेसिंग के दौरान हुए हादसे में फ्रेंच ड्राइवर पियरे लेवे और 83 दर्शकों की मौत हो गई, जिसके बाद कंपनी ने रेस से अपनी टीम हटा ली.
पिछले रिकॉर्ड से तीन गुना ज्यादा कीमत
इससे पहले सबसे महंगी कार का तमगा फेरारी की 1962 जीटीओ मॉडल को मिला था, जिसे 2018 में नीलामी के दौरान एक शख्स ने 4.8 करोड़ डॉलर चुकाकर खरीदा था.
सबसे महंगी नीलामियों में से एक
मर्सिडीज कार को मिली इस कीमत ने इसे अब तक नीलाम हुईं 10 सबसे महंगी चीजों की फेहरिस्त में शुमार कर दिया है. कार इस लिस्ट में छठे नंबर पर है. नीलामी में बिकी सबसे महंगी चीज है लियोनार्डो द विंची की कलाकृति "सल्वाटोर मुंडी", जो 2017 में 45.03 करोड़ डॉलर में बिकी थी.
पर्यावरण बचाने की तकनीक को मिलेगा पैसा
कंपनी का कहना है कि कार बेचने से हासिल हुई रकम पर्यावरण, विज्ञान और कार्बन घटाने की तकनीक के बारे में रिसर्च पर खर्च की जाएगी.