दिल्ली में कौन भड़का रहा है हिंसा
२४ फ़रवरी २०२०नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों का दूसरा चरण शुरू हो गया है लेकिन इस बार नए प्रदर्शनकारी नागरिकता कानून के समर्थन में सड़कों पर उतर आए हैं. विशेष रूप से राजधानी दिल्ली में स्थिति बहुत संवेदनशील बनी हुई है क्योंकि शहर के कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों के दोनों गुटों के बीच में दो दिन से टकराव हो रहा है जिसकी वजह से हिंसा भी हुई है.
सोमवार 20 फरवरी की सुबह जब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप अहमदाबाद का दौरा कर रहे थे उसी वक्त उत्तरपूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी, भजनपुरा, मौजपुर और जाफराबाद इलाकों में हिंसक झड़पें हुईं जिनमें दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल की गोली लगने से मौत हो गई और एक डिप्टी पुलिस आयुक्त घायल हो गए. गोली चलाने वाले की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर के दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अपील की कि दिल्ली में कानून और सुव्यवस्था बहाल हो.
बैजल ने भी एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को स्थिति पर काबू पाने के लिए कहा है.
दरअसल मामला रविवार 23 फरवरी से ही बिगड़ना शुरू हो गया था. शनिवार 22 फरवरी को जाफराबाद में मेट्रो स्टेशन के नीचे कुछ महिलाओं ने शाहीन बाग की तर्ज पर नागरिकता कानून के विरोध का नया मोर्चा खोलने की कोशिश की. पुलिस ने महिलाओं से ऐसा ना करने को कहा लेकिन वे नहीं मानीं. धीरे धीरे और भी लोग वहां जमा होने लगे और रात होने तक वहां अर्द्धसैनिक बल तैनात कर दिए गए.
रविवार सुबह वहां और भी लोग आ गए, जिसके बाद बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने भड़काऊ ट्वीट करने शुरू किए और नागरिकता कानून के समर्थन में लोगों को जाफराबाद में जमा होने के लिए कहा.
मीडिया में आई खबरों के अनुसार मिश्रा जब वाकई उस इलाके में अपने समर्थकों के साथ पहुंच गए, उसके बाद घटनाक्रम ने हिंसक मोड़ ले लिया, दो गुटों के बीच में पत्थरबाजी हुई और आगजनी भी हुई. कपिल मिश्रा ने खुले आम पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा, "ट्रंप के रहने तक तो हम सब शांति से जा रहे हैं लेकिन उसके बाद हम आपकी भी नहीं सुनेंगे".
शाम होते होते पूरे इलाके में शांति बहाल करने के लिए पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला लेकिन सोमवार सुबह हालात फिर बिगड़ गए. देखते ही देखते झड़पें हिंसक हो गईं, पत्थरबाजी हुई और कई वाहनों और दुकानों को आग लगा दिया गया. ट्रंप सोमवार की ही शाम आगरा से दिल्ली पहुंचेंगे और केंद्रीय दिल्ली के मौर्या होटल में रुकेंगे. मंगलवार को राजधानी में उन्हीं कई कार्यक्रमों में भाग लेना है, लिहाजा पूरे शहर में शांति बहाल करना दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता बनी हुई है. लेकिन देखना यह है कि पुलिस लोगों को भड़काने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कोई कदम उठाती है या नहीं.
रविवार को ही उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में भी नागरिकता कानून के खिलाफ एक प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसा भड़क उठी. वहां भी पत्थरबाजी और आगजनी हुई और पुलिस के वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया. कुछ पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी घायल भी हुए.
सरकार के नागरिकता कानून को लागू करने के फैसले पर अडिग होने के बावजूद, कानून का विरोध थम नहीं रहा है. लेकिन केंद्र सरकार की भी तरफ से कोई नरमी देखने को नहीं मिली है. देखना होगा कि आने वाले समय में स्थिति क्या मोड़ लेती है.
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