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दिनाकरन के ख़िलाफ़ महाभियोग की याचिका

१४ दिसम्बर २००९

कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश पीडी दिनाकरन की मुश्किलें और बढ़ती दिख रही हैं. राज्यसभा के कम से कम 76 सांसदों ने उनके ख़िलाफ़ महाभियोग चलाने की याचिका दायर की है. दिनाकरन ज़मीन हड़पने के आरोपों से घिरे हैं.

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संवैधानिक अधिकार का किया प्रयोगतस्वीर: AP

बीजेपी, वामपंथी पार्टियों, समाजवादी पार्टी, जेडीयू, अकाली दल और एआईएडीएमके के सांसदों ने राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को जस्टिस दिनाकरन के ख़िलाफ़ महाभियोग चलाने की मांग करने वाली याचिका सौंपी है. वरिष्ठ सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि सांसदों ने अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करते हुए यह क़दम उठाया है क्योंकि जस्टिस दिनाकरन के प्रमोशन के बारे में सुप्रीम कोर्ट की सिफ़ारिश को सरकार ने वापस सुप्रीम कोर्ट के पास भेज दिया है.

राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि दिनाकरन की सेवाएं जारी नहीं रहनी चाहिए. अगर महाभियोग की याचिका स्वीकार कर ली जाती है तो फिर तीन सदस्यों वाली एक कमेटी इस मामले को देखेगी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट का एक जज, हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस और एक क़ानूनविद होगा.

जब जेटली से पूछा गया कि क्या याचिका पर कांग्रेस के सदस्यों ने भी हस्ताक्षर किए हैं, तो उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेसी साथ आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है. समाजवादी पार्टी नेता अमर सिंह ने पूछा कि कोई जज कैसे काम करता रह सकता है, जबकि वह सुप्रीम कोर्ट का जज बनने के योग्य ही न हो.

जस्टिस दिनाकरन पर ज़मीन हड़पने के आरोपों के चलते ही सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर उनका प्रमोशन रोक दिया गया है. एफ़एस नरीमन जैसे क़ानूनविदों ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाए जाने का विरोध किया था.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ए जमाल