दादा का अवतार समझते थे बाबूजीः अमिताभ
५ मार्च २०११भोपाल में एक कार्यक्रम में अमिताभ ने कहा, "मेरे दादाजी प्रताप नारायण के निधन के एक साल बाद मेरे पिताजी को आभास हुआ कि वह उनके पास आए और कह रहे हैं कि वह लौट रहे हैं."
बिग बी ने मामला साफ करते हुए कहा, "एक रात बाबूजी के सपने में दादाजी आए और उन्होंने कहा कि वह उनके पास लौट रहे हैं. बाबूजी जग गए और अपनी पत्नी की ओर देखा, जो बिस्तर पर नहीं थीं. वह बाथरूम की तरफ गई थीं, जहां उन्हें प्रसव पीड़ा हो रही थी. वह 11 अक्तूबर, 1942 की रात थी. वह रात, जब मैं पैदा हुआ. तभी से बाबूजी समझते हैं कि मैं अपने दादाजी का अवतार हूं."
68 साल के सुपर स्टार ने एक बार फिर हरिवंशराय बच्चन की कविता का पाठ किया और कहा कि मधुशाला पढ़ते वक्त उन्हें लगता है कि इससे बेहतर कुछ हो ही नहीं सकता. उन्होंने कहा, "मधुशाला सिर्फ एक कविता नहीं, बल्कि जीवन है."
उन्होंने बताया कि उनके पिता शराब को हाथ तक नहीं लगाते थे लेकिन उनका कहना था कि वह कायस्थ हैं और इस वजह से मदिरा पर लिखने का उनका अधिकार है. अमिताभ ने कहा, "मेरे पिताजी कहते थे कि मैं कायस्थ हूं जिसके पूर्वजों ने खूब शराब पी है. ऐसे में मेरे खून का 75 फीसदी मदिरा है और इस पर लिखना तो मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है."
काली शेरवानी और सफेद पायजामे में भोपाल पहुंचे अमिताभ के साथ उनकी पत्नी जया बच्चन भी थीं, जिनका बचपन भोपाल में ही बीता. उन्होंने कहा कि अमिताभ का स्वागत जैसा भोपाल में होता है, वैसा कहीं नहीं.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः एस गौड़