1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

दस्तक देकर आएगा दिल का दौरा

२२ मार्च २०१२

कभी सदमे में, तो कभी अचानक, तो कभी सोते सोते. दिल का दौरा कब पड़ जाए, किसी को पता नहीं. लेकिन वैज्ञानिकों का दावा है कि आने वाले दिनों में इस बात का पता लग सकेगा कि कहीं हार्ट अटैक तो नहीं होने वाला है.

https://p.dw.com/p/14P1O
तस्वीर: picture-alliance/dpa

ज्यादातर हार्ट अटैक तब होता है, जब चर्बी जमने से नस फट जाती है और इसकी वजह से रक्त संचार रुक जाता है. वहां खून का धक्का बन जाता है. अगर थक्का बड़ा होगा, तो वह खून को नसों में बहने से पूरी तरह रोक देगा और दिल को जरूरी रक्त नहीं मिल पाएगा. ऐसे में दिल का दौरा पड़ सकता है.

अमेरिका में कैलिफोर्निया की स्क्रिप ट्रांसलेशन साइंस इंस्टीट्यूट का दावा है कि उन्हें ऐसे संकेत मिल गए हैं कि इस बारे में पता लगाया जा सकता है. इसके लिए खून की जांच करनी होगी और उनमें वैसी कोशिका को खोजना होगा, जो आगे चल कर नसों को जाम करने की वजह बन सकती है. इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉक्टर एरिक टोपोल की टीम ने 50 ऐसे लोगों के खून की जांच की, जिन्हें हाल ही में दिल का दौरा पड़ा था.

इस रिसर्च के बाद डॉक्टर टोपोल का कहना है कि उनकी टीम इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन कोशिकाओं को दिल का दौरा पड़ने के कितने पहले पहचाना जा सकता है. इसके बाद यह पता लगाया जाएगा कि क्या उनकी पहचान के बाद ऐसी दवाइयां दी जा सकती हैं, जिससे खून का थक्का न बने. उन्होंने बताया कि सैन डिएगो की इमरजेंसी रूम में छाती में दर्द की शिकायत करने वाले शख्स की जांच होगी. ऐसे मामलों की जांच की जाएगी, जिसमें उनके पहले के रिपोर्टों में हार्ट अटैक की बात न कही गई हो.

जादू की छड़ी नहीं

इसका मतलब यह नहीं कि आनन फानन में वैज्ञानिक कह दें कि आने वाले दिनों में हार्ट अटैक के बारे में पहले से पता लग जाएगा. डॉक्टरों ने सख्त चेतावनी दी है कि ऐसा होने में अभी काफी समय लग सकता है, लेकिन यह मुमकिन है. इंडियाना यूनिवर्सिटी के डॉक्टर डगलस जाइप्स का कहना है, "यह रिसर्च उत्साह बढ़ाने वाला है. यह दिल के दौरे के कुछ मिनट नहीं, बल्कि कुछ घंटे या कुछ दिन पहले इसकी चेतावनी दे सकता है." वेक फॉरेस्ट बैपटिस्ट मेडिकल सेंटर के डॉक्टर विलियम सी लिटिल का मानना है, "यह शानदार पहला कदम है. लेकिन अभी इसे मानक के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है."

पूरी दुनिया में हर साल लगभग सवा दो करोड़ लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो जाती है. डॉक्टर कुछ मामलों में बता सकते हैं कि किन लोगों को दिल का दौरा पड़ने की आशंका रहती है. जिनका ब्लड प्रेशर हाई रहता है, कोलेस्ट्रॉल ज्यादा रहता है, जो सिगरेट पीते हैं, जिन्हें शूगर की बीमारी रहती है या फिर जिनका वजह बहुत ज्यादा होता है.

Symbolbild Herzschlag Herz EKG Stethoskop
तस्वीर: Fotolia/M&S Fotodesign

कयास लगाना मुश्किल

लेकिन कोई यह नहीं बता सकता कि यह संकट कब आने वाला है. टेस्ट से यह तो पता चलता है कि किसी नस में चर्बी जम रही है या कोई नस खराब होती जा रही है लेकिन इसका असर कब होगा, बताना मुश्किल है. इसलिए अगर किसी की छाती में दर्द हो और डॉक्टर बताएं कि बहुत ज्यादा चिंता की बात नहीं तो भी चिंता हो सकती है. हार्ट अटैक भी हो सकता है.

टोपोल की टीम ने हृदयघात के 50 रोगियों की जांच की और 44 तंदुरुस्त लोगों के खून की भी जांच की. उन्हें दिल की बीमारी वाले लोगों में ऐसी कोशिकाओं की संख्या बहुत ज्यादा मिली, जिससे नसों में खून का थक्का बन सकता है. डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें ताज्जुब हुआ कि उनके खून में जो कोशिकाएं थीं. रिसर्चर इन्हें बीमार कोशिकाएं कह रहे हैं.

स्टडी में यह पता नहीं लग पाया है कि ये खराब कोशिकाएं पहली बार कब नजर आती हैं. वेक फॉरेस्ट के लिटिल का कहना है कि यही वजह है कि हमें नहीं पता चलता कि हार्ट अटैक कब होने वाला है. टोपोल समझते हैं कि हो सकता है कि खून के कुछ चकत्ते टूट कर इन कोशिकाओं में जुड़ते हैं और इसकी वजह से कोशिका खराब होती है. यह प्रक्रिया दिल के दौरे के दो हफ्ते पहले हो सकता है. वे खराब कोशिका पता लगाने के लिए किए जाने वाले ब्लड टेस्ट का पेटेंट कराना चाहते हैं.

रिपोर्टः एपी/ए जमाल

संपादनः आभा एम

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी