दमदार स्पोर्ट्स कार 70 साल की हुई
स्पोर्ट्स कारों की दुनिया में धूम मचाने वाली पोर्शे 70 साल की हो गई है. कंपनी कुछ विवादों में भी घिरी, लेकिन कारों के चाहने वालों के बीच कभी पोर्शे की दीवानगी कम नहीं हुई. चलिए डालते हैं 70 साल के इस सफर पर एक नजर.
पोर्शे जैसा कोई नहीं
यही वह पहली पोर्शे कार है. 8 जून 1948 को इस 356 नंबर 1 रोडस्टर को सड़क पर उतारने की परमिशन मिली. 1998 में यह कार एक प्लेन से उतारते वक्त गिर पड़ी थी, जिससे इसे खासा नुकसान हुआ. हालांकि इसकी बॉडी सलामत रही. बाद में कार को चकाचक कर दिया गया और अब इसे श्टुटगार्ट के पोर्शे म्यूजियम में रखा गया है.
और 356 के जनक थे...
... फैर्डीनांड एंटन एर्न्स्ट पोर्शे, जिन्हें प्यार से सब फेरी कहते थे. उनके बिना न तो 356 अस्तित्व में आती और न ही 911. पांच दशक तक बतौर सीईओ और चेयरमैन स्पोर्ट कार निर्माता कंपनी पोर्शे को संवारा. इनके पिता फर्डीनांड पोर्शे भी गाड़ियां बनाते थे, फोल्क्सवागेन के लिए. लेकिन अब उनका नाम पोर्शे खुद एक बहुत बड़ा ब्रांड है.
जरूरत के समय में लग्जरी
पहली पोर्शे कार दूसरा विश्व युद्ध खत्म होने के कुछ साल बाद ही जनता के सामने पेश की गई. जाहिर तौर पर उन शुरुआती दिनों में लोगों को स्पोर्ट्स कारों की जरूरत नहीं थी. लेकिन कुछ सालों के भीतर फेरी पोर्शे और उनके ब्रांड ने लोगों के बीच जगह बना ली. वह कहते थे, "हमने ऐसी कारें बनाई जिनकी जरूरत किसी को नहीं थी, लेकिन उन्हें चाहते सब थे."
दुनिया भर में लोकप्रिय
पोर्शे को अपनी दस लाख स्पोर्ट्स कारें बेचने में लगभग 50 साल लग गए. लेकिन इसके बाद उत्पादन की रफ्तार तेज हो गई. अकेले 2017 में ढाई लाख गाड़ियां असेंबली लाइन से निकलीं. पिछले एक दशक में पोर्शे कारों की बिक्री तीन गुनी हो गई है. पोर्शे ऐसा ब्रांड बन चुका है जिसकी कार में बैठना दुनिया भर के लोगों की हसरत होती है.
छोटी कंपनी का बड़ा दांव
पिछले दशक के मध्य में पोर्शे ने बड़ा दांव खेला जब इस छोटी सी स्पोर्ट्स कार निर्माता कंपनी ने जर्मनी की दिग्गज कार कंपनी फोल्क्सवागेन का अधिग्रहण करने की कोशिश की. हालांकि बात बनी नहीं. बहरहाल आज फोल्क्सवागेन में ज्यादातर हिस्सेदारी पोर्शे एसई कंपनी की है जबकि कारें बनाने वाले पोर्शे कॉर्पोरेशन को फोल्क्सवागेन ग्रुप में मिला दिया गया.
घिरते घने बादल
दशकों से पोर्शे की कारें डीजल इंजनों पर निर्भर रही हैं, लेकिन एसयूवी कारों के बाजार में आने के बाद हालात बदल गए हैं. पोर्शे की इन गाड़ियों में भी फोल्क्सवागेन की ऑडी कंपनी के इंजन लगे थे. और जब फोल्क्सवागेन डीजल कांड में फंसा तो पोर्शे भी उसी चपेट में आ गया.
सुर्खियों में आए ये मैनेजर
फोल्क्सवागेन के दो पूर्व बॉस मथियास मुलर (बाएं) और मार्टिन विंटरकॉर्न का भी धोखाधड़ी के आरोपों में नाम आया. उन पर आरोप है कि उन्होंने पॉल्यूशन स्कैंडल के बारे में पोर्शे एसई होल्डिंग के शेयर धारकों को बहुत देर से बताया. पोर्शे एसई पोर्शे और पीश परिवारों की होल्डिंग कंपनी है जिसके पास फोल्क्सवागेन के सामान्य शेयरों में 52.2 प्रतिशत वोटिंग अधिकार हैं.
इलेक्ट्रिक कारों की तरफ बढ़ते कदम
पोर्शे का पहला इलेक्ट्रिक मॉडल 2019 में बाजार में आएगा. एक बार चार्ज करने के बाद यह कार 500 किलोमीटर से ज्यादा चल सकती है. कम से कम कंपनी तो यही दावा कर रही है. इसके बाद पोर्शे इलेक्ट्रिक कारों के दूसरे मॉडल भी आने हैं. पोर्शे 2022 तक ई-मोबिलिटी पर 7 अरब डॉलर का निवेश करना चाहती है.
रिकॉर्ड बिक्री
इस साल पोर्शे को उम्मीद है कि वह सेल्स का एक नया रिकॉर्ड बनाएगी. कभी महान जर्मन रैली ड्राइवर वाल्टर रोएर्ल ने कहा था कि पोर्शे 911 के बिना आपका गैरेज बेहद नीरस और खाली है. लगता है कि दुनिया भर के लोग उनकी इस बात पर अमल कर रहे हैं और पोर्शे को अपने गैरेज का हिस्सा बना रहे हैं.