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दबंग को मिला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

१९ मई २०११

58वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार का एलान हो गया है. इस बार बॉलीवुड दूसरी भाषाओं की फिल्मों से पिछड़ गया है. हिंदी भाषा की सिर्फ दो ही फिल्मों को अवॉर्ड मिला है.

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तस्वीर: AP

सलमान खान की सुपर हिट फिल्म दबंग की दबंगई नेशनल अवॉर्ड में भी दिखी. दबंग को साल का सर्वश्रेष्ठ मनोरंजक फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया है. इस फिल्म ने काफी लोकप्रियता बटोरी है.

इस बार के राष्ट्रीय पुरस्कार में बॉलीवुड की हिन्दी फिल्में को अन्य भाषाओं की फिल्मों ने कहीं पीछे छोड़ दिया. सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार मलयालम फिल्म अदामिंते मकन अबू को मिला.

बॉलीवुड की चमक फीकी

सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार तमिल अभिनेता और रजनीकांत के दामाद धनुष और मलयालम अभिनेता सलीम कुमार को मिला है. साल की बेहतरीन अभिनेत्री का खिताब मराठी अभिनेत्री जगताप वराडकर और तमिल अभिनेत्री शराण्या पुनवन्नन को दिया गया है. सामाजिक मसलों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मराठी फिल्म चैम्पियंस को मिला है.

Salman Khan auf der Präsentation vom Film Dabangg FLASH Galerie
तस्वीर: AP

वहीं कन्नड़ फिल्म बेतादा जीवा को पर्यावरण संरक्षण पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म चुना गया है. सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म का पुरस्कार कन्नड़ फिल्म हेज्जेगालू को दिया गया. सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का पुरस्कार संयुक्त रूप से चार कलाकारों को दिया जाएगा. इनमें हर्ष मायेर (आई एम कलाम), शांतनु रांगणेकर और मच्छिंद्र गाडेकर (चैम्पियंस) और विवेक चाबुक्स्वर (बाबू बैंड बाजा) शामिल है.

मराठी फिल्म मी सिंधुताई सपकाल के लिए सुरेश वाडेकर को सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक चुना गया. इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ रूपांतरित पटकथा (अनंत महादेवन और संजय पवार), संवाद (संजय पवार), विशेष जूरी पुरस्कार के लिए भी चुना गया.

सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फिल्म रिषि कपूर और नीतू कपूर अभिनीत दो दूनी चार चुनी गई. फीचर फिल्म श्रेणी में 161 प्रविष्टियां मिली थी जिनमें से पांच क्षेत्रीय पेनलों और एक केंद्रीय पैनल ने पुरस्कार का चयन किया. फीचर फिल्म जूरी के अध्यक्ष जेपी दत्ता थे जबकि इसके सदस्यों में भरत बाला, डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी, प्रहलाद कक्कड़ समेत 10 सदस्य थे. सात सदस्यीय गैर फीचर फिल्म जूरी के अध्यक्ष ए के बीर थे. जूरी ने 113 प्रविष्टियों में से पुरस्कार का चयन किया. वहीं सिनेमा पर लेखन के लिए तीन सदस्यीय ज्यूरी के अध्यक्ष अशोक वाजपेयी थे.

रिपोर्ट: एजेंसियां/आमिर अंसारी

संपादन: एस गौड़