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दढ़ियल मर्दों से डर

४ अगस्त २०११

ट्यूनिशिया में यास्मीन क्रांति के बाद से इस्लामी कट्टरपंथियों का समर्थन बढ़ रहा है. औपचारिक रूप से वे अपने को अल कायदा के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहते हैं. इसके बावजूद लोग चिंतित हैं.

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Nur für das Projekt 9/11: Spurensuche Tunesien

ट्यूनिस में हबीब बुरगिबा एवेन्यू पर लंबी दाढ़ियों और भारी भरकम पोशाक वाले कुछ पुरुष राजनीति पर चर्चा कर रहे हैं. उनमें से एक राज्य और सरकार के विभाजन की निंदा करते हुए उसे ईश निंदा बताता है, तो दूसरा सड़े हुए समाज को गाली देता है. एक दृश्य जिसकी धर्मनिरपेक्ष ट्यूनिशिया में कुछेक महीने पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी. खुफिया पुलिस इन लोगों को फौरन गिरफ्तार कर लेती.

राजधानी के केंद्र में स्थित बुलेवार पहले राष्ट्रपति के नाम पर है, जिंहोने 1957 से 1987 तक देश पर शासन किया. बुरगिबा यानि राष्ट्रपिता. वे धर्मनिरपेक्षता और लैंगिक समानता के समर्थक थे और आधुनिक ट्यूनिशिया का निर्माण करना चाहते थे. अपने इस लक्ष्य में वे इस्लामी कट्टरपंथियों से खतरा देखते थे और इसलिए उसका उन्होंने पूरी शक्ति से दमन किया. लोकतांत्रिक यास्मीन क्रांति और 14 जनवरी 2011 को बुर्गिबा के उत्तराधिकारी जिने अल अबीदीन बेन अली के पतन के बाद से वे फिर से मौजूद हैं, सड़कों पर और राजनीति में.

**** Darf nur im Zusammenhang mit der Berichterstattung zu "10 Jahre 11. Sptember 2011" verwendet werden.*** Beschreibung: Auf der Avenue Habib Bourguiba, für viele "der Vater der Nation", versammeln sich Bürger spontan und diskutieren über Politik. Auch Islamisten kommen hierhin, um für den Islam zu predigen. Dies wäre vor der Revolution vom Februar 2011 undenkbar. Aufgenommen in Tunis im April 2011 Rechte: Khalid El Kaoutit, DW
बुरगिबा एवेन्यू पर विरोध प्रदर्शनतस्वीर: DW

"इन लोगों से मुझे डर लगता है"

यह सबको अच्छा नहीं लगता. प्रोमेनेड के नजदीक ही एक भीड़ भरी सड़क पर सायरीन बेलहेदी अपने दोस्तों के साथ एक कॉफी हाउस में बैठी है. गर्व के साथ वह अपना गुलाबी बैग दिखाती है जिसपर सांप की तस्वीर बनी है."अभी अभी खरीदा है." युवक और युवतियां सिगरेट पी रहे हैं, आराम से कॉफी, चाय और जूस और कुछ तो बीयर की चुस्की ले रहे हैं. दढ़ियल लोगों की ओर वे शक की निगाहों से देख रहे हैं. यास्मीन क्रांति के दिनों में हर रोज प्रदर्शन करने वाली और इंजीनियर की अपनी नौकरी को दांव पर लगा देने वाली 27 वर्षीया सायरीन कहती हैं, "इन लोगों से मुझे डर लगता है." वे कहती हैं, "यदि ये कट्टरपंथी कभी सत्ता में आते हैं तो यह हमें बहुत पीछे धकेल देगा, बुरगिबा के काल से भी पीछे."

युवा लोगों का डर अकेले सड़क के दूसरी ओर वाले दढियल मर्दों से जुड़ा नहीं है. वह मुख्य रूप से देश की सबसे लोकप्रिय इस्लामी कट्टरपंथी संगठन एनाहदा पार्टी से जुड़ा है. दशकों तक प्रतिबंधित रही ये पार्टी अब देश के राजनीतिक प्रतिष्ठान की अगली कतर में सक्रिय है.

इस्लामवादी नेता से मुलाकात

एनाहदा के नेता और बौद्धिक पिता रशीद अल गनूची हैं, 70 वर्षीय गनूची की अनुदारवादी मुसलमान हलकों में काफी इज्जत है. वे मुस्लिम ब्रदरहुड की अंतरराष्ट्रीय परिषद के सदस्य हैं, उनके लेखों को राजनीतिक इस्लाम का संदर्भ माना जाता है. रशीद गनूची राष्ट्रपति बुरगिबा के समय में भी राजनीतिक तौर पर सक्रिय थे और कई बार जेल गए. यास्मीन क्रांति के तुरंत बाद वे लंदन से 20 साल के निर्वासन के बाद देश वापस लौटे.

वह घर जहां गनूची अपने मेहमानों से मिलते हैं, ट्यूनिस के बाहरी इलाके के एक सुंदर मोहल्ले में है. दरवाजे पर सनग्लास पहने एक तगड़ा मुछल्ला बॉडीगार्ड है, बगीचे में फल के पेड़ों के बीच तार पर बच्चों और महिलाओं के कपड़े सूख रहे हैं. घर में प्रसन्नचित्त दिखते मर्द इधर उधर आ जा रहे हैं और अपने सेल फोल से बात कर रहे हैं. पत्रकार और राजनीतिक समर्थक शेख रशीद के साथ निजी मुलाकात के लिए इंतजार कर रहे हैं. फलीस्तीनी चादर ओढ़े सफेद दाढ़ी वाला एक व्यक्ति बताता है वह गनूची का समर्थक होने के कारण 16 साल जेल में रहा है और सालों निर्वासन में रह चुका है, जर्मनी के फ्रायबुर्ग में भी. पूछता है कि क्या मैं जर्मन बोलता हूं और हंसने लगता है, जवाब की प्रतीक्षा किए बिना. वह बताने लगता है कि दरअसल सभी इंसान अरब हैं. "आदम भी अरब था. इसीलिए सभी लोगों को इस्लाम स्वीकार कर लेना चाहिए."

*****Darf nur im Zusammenhang mit der Berichterstattung zu "10 Jahre 11. Sptember 2011" verwendet werden.**** Auf der Avenue Habib Bourguiba, für viele "der Vater der Nation", gibt es zahlreiche Cafés und Bars, die von Frauen und Männer besucht werden und, in denen man öffentlich Alkohol konsumieren kann. Aufgenommen in Tunis im April 2011 Rechte: Khalid El Kaoutit, DW
बुरगिबा एवेन्यू पर चहलकदमीतस्वीर: DW

भूरा सूट, उजली कमीज और चमड़े का काला जूता पहने रशीद अल गनूची अपने मेहमानों से एक बड़े कमरे के बीच बिछे लाल बेर्बर कालीन पर मिलते हैं. कमरे के किनारे लगे एक टेलिविजन में अल जजीरा चल रहा है. वे कहते हैं, "हमारी पार्टी से डर पूरी तरह निराधार है." यह अभी तक पूर्व राष्ट्रपति बेन अली द्वारा राजनीतिक विरोधियों को समाप्त करने के लिए चलाए गए डर के कारोबार पर आधारित है. उनकी पार्टी का लक्ष्य बेन अली के शासन के प्रभावों से समाज को साफ करना और आजाद लोकतांत्रिक समाज का गठन है जो सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार करे. वे भरोसा दिलाते हैं कि इससे न तो ट्यूनिशिया के नागरिकों को और न ही पश्चिम को कोई डर होना चाहिए.

इस्लामीकरण गुप्त लक्ष्य?

अल कायदा के हिंसक विचारधारा से बुजुर्ग नेता अपने को साफ तौर पर अलग करते हैं. "हमने हमेशा कहा है और हम आज भी कहते हैं कि अल कायदा की गतिविधियां वैध नहीं हैं, वह आतंकवाद है." ट्यूनिशिया और मिस्र की शांतिपूर्ण क्रांति से अलग अल कायदा इलाके के किसी भर्ष्ट सरकार को गिराने में कामयाब नहीं रहा है. गनूची कहते हैं, "दूसरी तरफ इस्लाम और इस्लामी आंदोलन सच मं सबसे ज्यादा 11 सितंबर के हमलों का नुकसान भुगत रहे हैं." उनकी शिकायत है कि पश्चिम में मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर तब से आतंकवाद का संदेह किया जाता है और वे पुलिस की स्थायी निगरानी में हैं.

रीदा बेलहाज का कहना है, "आतंकी कार्रवाईयां उपयोग से ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं." रीदा बेलबाज एनाहदा जैसी ही इस्लामी लेकिन चरमपंथी तहरीर पार्टी के प्रवक्ता हैं. तीन दिनों की दाढ़ी वाले छोटे कद के रीदा बेलहाज ने बुरगिबा एवेन्यू पर एक कॉफीहाउस में इंटरव्यू के लिए मिलना तय किया है. पुराने शासन द्वारा किए गए राजनीतिक दमन पर वे बात नहीं करना चाहते. कहते हैं, विनम्रता की वजह से.

**** Darf nur im Zusammenhang mit der Berichterstattung zu "10 Jahre 11. Sptember 2011" verwendet werden.**** Beschreibung: Cyreen Belhedi (rechts) und ihre Freunde wollen auch nach der Revolution für die Freiheit demonstrieren. Sie haben Angst, dass Islamisten die Macht ergreifen. Aufgenommen in Tunis im April 2011 Rechte: Khalid El Kaoutit, DW
आजादी के लिए ट्यूनीशिया में प्रदर्शनतस्वीर: DW

बेलहाज ट्यूनिशिया और मिस्र में क्रांति की बात करते हैं, जो उनके विचार में अभी भी पूरा नहीं हुआ है. उनका कहना है कि वे विश्व भर में सभी मुसलमानों की मुक्ति की राह में महत्वपूर्ण कदम हैं. चरमपंथी नेता कहते हैं, "स्वाभाविक रूप से ये क्रांतियां इस्लामी हैं. जिन लोगों ने यह किया है वे आखिरकार मुसलमान हैं." उनकी नजरें बाहर दौड़ जाती हैं. सरकारी थियेटर के सामने कुछ लोग नारा लगा रहे हैं, "सारे देश में अभी भी भ्रष्टाचार का राज है."

"9/11 के पीछे इरादे अच्छे थे"

अल कायदा जैसे इस्लामी कट्टरपंथियों से अपने को अलग करने की बात तहरीर के प्रवक्ता के मुंह से निकलवाना संभव नहीं. उनका कहना है कि हिंसा हालांकि गलत है लेकिन 11 सितंबर के हमले के पीछे इरादे "अच्छे" थे. "उनका प्रभाव नकारात्मक हुआ, क्योंकि पश्चिम के विपरीत मुसलमानों के पास अपने इरादे के सही होने की बात समझाने के लिए मीडिया का समर्थन नहीं है." अपने इरादे को बेलहाज कतई नहीं छुपाते. उनकी पार्टी का प्रमुख लक्ष्य है एक ऐसे ट्यूनिशियाई राज्य की स्थापना जिसमें सभी कानूनों का स्रोत इस्लाम हो. इस लक्ष्य के लिए उत्साह उनके चेहरे पर देखा जा सकता है.

सायरीन और उनके दोस्त इस बीच पास ही स्थित एक अन्य कॉफी हाउस में बैठे हैं और हंसते हुए इसकी गिनती कर रहे हैं कौन कौन ऐसे इस्लामी राज्य में कभी नहीं रह सकता. एक कहता है, "सभी ट्यूनिशियाई, जो शाम को बार में बीयर पीते हैं." एक अन्य कहता है, "सभी लड़कियां जो बिकिनी में तैरना पसंद करती हैं और सभी मर्द जो महिलाओं को बिकिनी में नहाते देखना पसंद करते हैं." एक तीसरा निष्कर्ष निकालता है, "यानि एक ठोस बहुमत" और सब खिलखिलाने लगते हैं, उसके बाद लेकिन सायरीन एकदम से गंभीर हो जाती है, "यदि इस्लामी कट्टरपंथी यहां फिर भी सत्ता में आ जाते हैं तो हम सबको देश छोड़ कर जाना होगा हमने अपनी क्रांति बेकार ही की."

लेख: खालिद अल काउतित/मझा

संपादन: प्रिया एसेलबॉर्न

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