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समाज

दक्षिण कोरिया में शादी क्यों नहीं करना चाहतीं महिलाएं

६ दिसम्बर २०१९

दक्षिण कोरिया में महिलाएं कट्टरपंथी नारीवादी आंदोलन '4 बी' या 'फोर नोस' को के साथ आगे बढ़ रही हैं. 'फोर नोस' का मतलब है 'न डेटिंग, न सेक्स, न शादी और न हीं बच्चे'. आखिर इसकी वजह क्या है?

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तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/J.Choi

दक्षिण कोरिया की रहने वाली बोनी ली को बॉयफ्रेंड बनाने या शादी करने की परवाह नहीं है. वह कहती हैं कि अपनी खुशी खुद तय करेंगी. उनका कहना है, "मैं एक सीधी-सादी महिला हूं, जिसे अब पुरुषों के साथ संबंध बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं है." और ऐसा करने वाली वे अकेली महिला नहीं हैं. दक्षिण कोरिया में ऐसी महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है जो कठोर पितृसत्तात्मक मानदंडों को खारिज कर रही हैं. वे कभी शादी नहीं करने और यौन संबंध ना बनाने की कसम खा रही हैं.

40 साल की ली एक नौकरी पेशा महिला हैं और सियोल के समीप अपने एक कुत्ते के साथ रहती हैं. वे कहती हैं, "एक महिला के तौर पर मैंने हमेशा यह अनुभव किया है कि शादी करने के फायदे कम और नुकसान अधिक है." अब वह देश के कट्टरपंथी नारीवादी आंदोलन '4 बी' या 'फोर नोस' के साथ आगे बढ़ रही हैं.

दक्षिण कोरिया में विवाह की दर तेजी से कम हो रही है. यहां पत्नियों से अक्सर काम करने, बच्चों की परवरिश और सामुदायिक मदद के साथ ससुराल वालों की देखभाल करने की अपेक्षा की जाती है. दो-दो विषयों में मास्टर डिग्री करने वाली ली कहती हैं, "शादी के बाजार में आपकी पहले की जिंदगी और आपका काम कोई मायने नहीं रखता है. किसी हास्यास्पद कारण की वजह से ज्यादा शिक्षित होना भी माइनस पॉइंट बन जाता है. एक संभावित पत्नी के रूप में सबसे ज्यादा मायने रखता है कि आप अपने पति और ससुराल वालों की देखभाल करने में सक्षम हैं या नहीं."

ली ने उच्च शिक्षित दोस्तों को अपने काम को लेकर बाधाओं और बच्चे होने के बाद घर पर समस्याओं का सामना करते हुए देखा है. हाल ही में हिट हुई फिल्म 'किम जी योंग, बॉर्न 1982' की कहानी भी कुछ इन्हीं समस्याओं पर आधारित है. एक विवादित नारीवादी उपन्यास पर आधारित इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे शादी के बाद एक दक्षिण कोरियाई महिला को अपनी नौकरी छोड़नी पड़ती है और सीमित संसाधनों के सहारे अपने बच्चों को बड़ा करना पड़ता है. देश के प्रमुख सर्च इंजन पर महिला दर्शकों ने इस फिल्म को 10 में से 9.5 रेटिंग दी. वहीं पुरुषों ने 2.8 अंक दिए.

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तस्वीर: AP

दक्षिण कोरिया के पुरुष-प्रधान समाज की पारंपरिक अपेक्षाओं पर खरा न उतरते हुए अपने पैरों पर खड़ा होने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ रही है. यहां कामकाजी पत्नियां अपने पति की तुलना में घरेलू कामों में चार गुना अधिक समय देती हैं. एक दशक पहले अकेली और कभी न शादी करने वाली कोरियन महिलाओं में से करीब 47 प्रतिशत सोचती थीं कि शादी जरूरी है. पिछले साल यह संख्या गिरकर 22.4 प्रतिशत हो गई.

विवाहित जोड़ों की संख्या में भी काफी कमी आई है. 1996 में जहां यह आंकड़ा 4,34,900 था. वहीं पिछले साल यह गिरकर 2,57,600 पर आ गया. नारीवादी आंदोलन 4बी से जुड़ी महिलाओं के बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है लेकिन इसके सदस्य कहते हैं कि उनके कम से कम चार हजार समर्थक हैं. वहीं एक नारीवादी यू-ट्यूब चैनल है जहां शादी और बच्चा पैदा नहीं करने की बात की जाती है. इस चैनल के सब्सक्राइबरों की संख्या एक लाख से ज्यादा है.

ली ने "एस्केप द कॉर्सेट" के कुछ सिद्धांतों को भी अपनाया है. यह दक्षिण कोरिया के सख्त सौंदर्य मानकों के खिलाफ एक आंदोलन है. इसकी कुछ फॉलोअर ने खुद के वीडियो शेयर किए हैं जिसमें वे अपने मेकअप के सामान को तोड़ रही हैं. ये वीडियो तेजी से वायरल हुआ. यह समूह दक्षिण कोरिया में गुप्त कैमरों की मदद से बनने वाली पॉर्न फिल्में की संख्या बढ़ने पर गुस्से में है. इसकी शिकार ज्यादतर महिलाएं हैं. साथ ही समूह का गुस्सा यौन दुर्व्यवहार के मामले को लेकर भी है, जो दुनिया में #MeToo मूवमेंट के रूप में सामने आया है.

ली को पिछले साल काफी ज्यादा निराशा हुई थी जब एक प्रगतिशील पुरुष राजनेता को महिला सहयोगी से बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया गया था. यह नेता खुद को नारीवादी बताता था. ली कहती हैं, "मुझे एहसास हुआ कि यह समाज एक ऐसी प्रणाली है जिसे मैं एक महिला के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती. तब से पुरुषों के साथ कोई भी मुलाकात चाहे वह शादी हो या डेटिंग, मेरे लिए व्यर्थ हो गया."

Südkorea Seoul - Proteste gegen Sexismus und versteckte Kamera-Pornographie
तस्वीर: Getty Images/J. Chung

24 साल की यू-ट्यूबर योन जी हे महसूस करती हैं कि दक्षिण कोरियाई महिलाओं से अक्सर 'निष्क्रिय, चुलबुली और आकर्षक' होने की उम्मीद की जाती है. वे पूरी तरह से एस्केप द कोर्सेट के सिद्धांतों को मानने लगी हैं. अपने बालों को छोटा कर रही है और चेहरे को बिना ढके चलती हैं. योन अपने माता-पिता के साथ रहती हैं. वे बताती हैं, "मैं पहले यू-ट्यूब पर घंटों मेक-अप टेकनीक देखते हुए बिताती थी. हर महीने सौंदर्य सामग्री पर करीब 200 डॉलर खर्च करती थी." वे कहती हैं कि उनका पुराना पुरुष साथी लंबे बालों के साथ उसे देखना चाहता था और नारीवादी झुकाव का विरोध करता था.

योन भी अब 4बी की सदस्य हैं. अब वे सेक्स और डेट को याद नहीं करती हैं. वे कहती हैं, "अपने आप को खुश रखने के और कई रास्ते हैं." योन को यकीन है कि 20 से 30 साल की उम्र में ज्यादातर कोरियन पुरुष गुप्त कैमरे से बनाए गए वीडियो या रिवेंज पॉर्न देखते हैं. ये वीडियो उनके एक्स-पार्टनर लीक करते हैं. यह भी एक वजह है कि वे किसी से साथ नहीं जुड़ना चाहती हैं.

अमेरिका में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में समाजशास्त्री शिन गी वुक के अनुसार 4बी और एस्केप द कोर्सेट नारीवाद का सबसे कट्टरपंथी रूप है जिसे दक्षिण कोरिया में इससे पहले कभी नहीं देखा गया. वे कहते हैं, "चार चीजें- शादी, बच्चे पैदा करना, डेटिंग और सेक्स अक्सर महिलाओं को पुरुषों के अधीनन कर देती हैं. और 'कोर्सेट' में भी कुछ ऐसा ही है, जिसमें महिलाएं पुरुषों को खुश करने के लिए तरीके तलाशती हैं."

यह प्रभाव देश में आबादी के संकट को बढ़ा रहा है. दक्षिण कोरिया में मातृत्व दर 2018 में गिरकर 0.98 प्रतिशत आ गई है. जबकि देश की जनसंख्या को स्थिर करने के लिए यह 2.1 प्रतिशत की दर बनाए रखना जरूरी है. सरकार का अनुमान है कि देश की जनसंख्या 5.5 करोड़ से गिरकर 2067 में 3.9 करोड़ हो जाएगी. इसमें आधी आबादी की उम्र 62 साल या उससे ज्यादा होगी. अधिकारी नवविवाहितों को घर की सुविधा और कम ब्याज पर कर्ज देकर शादी को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन ली के हिसाब से भविष्य महिलाओं का है. वे जोर देकर कहती हैं, "मेरा सपना उन महिलाओं के लिए घर बनाना है जिन्होंने शादी नहीं करने की योजना बनाई है."

आरआर/एके (एएफपी)

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