थाईलैंड में प्रदर्शन थमा
३ दिसम्बर २०१३सुरक्षाकर्मियों के बैरिकेड हटा देने से कई दिनों से जारी प्रदर्शन को कम करने की कोशिश गई है. सरकार विरोधी प्रदर्शन को रोकना चाहती है ताकि इसी गुरूवार को थाईलैंड के राजा के 86वीं जन्मदिन पर देश में तनाव का माहौल न हो. बैरिकेड हटाए जाने के बाद प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री कार्यालय के कैंपस में दाखिल हो गए. इस दौरान सुरक्षाकर्मी चुपचाप खड़े दिखे. प्रदर्शनकारी और पुलिस के जवान एक दूसरे से गले भी मिले.
पिछले कुछ दिनों से थाईलैंड की प्रधानमंत्री यिंगलक शिनवात्रा के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. विरोधियों की मांग है कि शिनवात्रा इस्तीफा दें और देश में चुनाव कराए जाएं. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रमुख पाराडोर्न पट्टनाताबुत के मुताबिक, "आपसी समझ यह है कि इस शुभ दिन शांति और व्यवस्था होनी चाहिए. यह एक सकारात्मक संकेत है. राजा के जन्मोत्सव के बाद बातचीत हो सकती है. बातचीत के जरिए इस समस्या का हल निकाला जा सकता है.''
शनिवार से शुरू हुई हिंसक झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई है और 250 लोग जख्मी हो चुके हैं. प्रदर्शनकारियों के नेता और थाईलैंड के पूर्व उप प्रधानमंत्री सुथेप थौगसुबान ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि सरकार को बेदखल करने की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. सुथेप के अंदाज से अनुमान लगाया जा सकता है कि राजा के जन्मोत्सव के बाद हिंसक प्रदर्शनों में बढ़ोतरी हो सकती है.
विद्रोह के आरोपों में सुथेप के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी है. सुथेप ने कहा है, "हमें आंशिक रूप से जीत मिली है लेकिन पूरी जीत नहीं मिली है क्योंकि यिंगलक सरकार अभी भी सत्ता में है. आप अपने घर अभी नहीं जा सकते हैं. हमें अपनी लड़ाई जारी रखनी होगी." मेट्रोपॉलिटन पुलिस के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल कमरोनवित थूपक्रजंग के मुताबिक, "आज आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल नहीं होगा. अगर हम उन्हें रोकने की कोशिश करेंगे तो और लोग जख्मी होंगे और हम सब थाई हैं." अचानक हुए इस फैसले से प्रदर्शनकारी भी हैरान हैं. राजनीति के एक छात्र का कहना है, "मुझे यकीन नहीं आ रहा है, लेकिन लगता है कि अब हम जीत गए हैं. राजा के जन्मदिन के मौके पर हम रूक जाएंगे लेकिन यिंगलक बनी रही तो हम फिर लड़ाई लड़ेंगे.''
मंगलवार को टेलीविजन अपील में प्रधानमंत्री यिंगलक ने कहा कि थाई समाज के विभिन्न वर्गों के बीच वार्ता जरूरी है ताकि लंबे समय के लिए समस्या का समाधान ढूंढा जा सके. प्रधानमंत्री यिंगलक के मुताबिक, "हालांकि मौजूदा राजनीतिक स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाई है लेकिन ठोस प्रगति हुई है. सरकार ने सेना और पुलिस दोनों से ही अपने कर्तव्यों को उदारता के साथ निभाने को कहा. टकराव और हिंसा से बचने को कहा है ताकि आम लोगों का खून न बहे.''
2001 से 2006 तक थाइलैंड के प्रधानमंत्री रह चुके थकसिन शिनवात्रा सत्ता के दुरुपयोग के दोषी करार दिये जा चुके हैं. इसके लिए उन्हें दो साल की सजा भी सुनाई गई है. कार्यकाल के दौरान उन पर भ्रष्टाचार और गलत नियुक्तियों के आरोप भी लगे. 2006 में सैन्य तख्तापलट के बाद उन्हें थाइलैंड से भागना पड़ा. वर्तमान प्रधानमंत्री यिंगलक शिनवत्रा थकसिन की बहन हैं. यिंगलक पर उनके विरोधी आरोप लगाते हैं कि वह विदेश में अपने भाई थकसिन के इशारों पर चलती हैं और देश के अहम फैसले अपने भाई के साथ मिलकर लेती हैं. नवंबर को यिंगलक सरकार ने संसद में एक माफी विधेयक पास कराने की कोशिश की. विधेयक के तहत यिंगलक के भाई थकसिन समेत सैकड़ों नेताओं पर चल रहे मुकदमों में माफी दी जाती लेकिन विधेयक को संसद ने खारिज कर दिया. इसके बाद राजनीतिक अंसतोष सुलग उठा.
एए/एमजी (एएफपी, रॉयटर्स)