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तेरे इश्क में....हम चल दिए

६ सितम्बर २०१०

मुहब्बत इंसान से क्या क्या नहीं करवा लेती. हाल ही में प्रेम के बाण से घायल फुटबॉल खिलाड़ी ने फैसला किया कि वह 2014 के ओलंपिक में अपनी जीवन साथी के साथ आइस स्केटिंग में हिस्सा लेगा और मेडल जीतेगा.

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इश्क में डूबे इल्हान मान्सिजतस्वीर: picture-alliance/dpa

मुहब्बत में पड़े 35 साल के तुर्की फुटबॉल खिलाड़ी इल्हान मान्सिज कुछ महीने पहले तक फुटबॉल के मैदान में स्ट्राइकर थे. अब तूफानी आक्रामक खेल दिखाने वाले मान्सिज बर्फीले ट्रैक पर अपनी जीवनसाथी ओल्गा बेस्तांदिगोवा के साथ चक्कर लगा रहे हैं.

Fußball Türkei gegen Senegal
तस्वीर: AP

हालांकि अब उन्हें ऊंचे गले का टी शर्ट पहनना होता है. नहीं तो बाज की आकृति वाला वो टैटू किसी की नज़र से नहीं छिपता जो उनकी छाती से दोनों कंधों पर जाता है. ये बाज तुर्की फुटबॉल क्लब बेसिक्तास इस्तांबुल की निशानी है.

फुटबॉल मान्सिज का पहला प्रेम. तुर्की में वो अब भी फुटबॉलर के तौर पर मशहूर हैं. देश में उनकी तुलना डेविड बेकहम से की जाती रही है क्योंकि फिल्मों और टीवी शो एंकर होने के कारण लोग उन्हें पसंद करते हैं.

प्रेम ऑन आइस

रूमानी कहानी शुरू होती है एक टीवी शो स्टार्स ऑन आइस से. इस शो में मान्सिज की पार्टनर थीं 31 साल की ओल्गा बेस्तांदिगोवा. उन्होंने ही मासिन्ज को आइस स्केटिंग के गुर सिखाए. इस जोड़ी को लोगों ने बहुत पसंद किया और वे इस प्रतियोगिता को जीत भी गए. बस यहीं से दीवानगी शुरू हुई. मान्सिज कहते हैं, ये दीवानगी भरी कहानी है.

Fußball Türkei gegen Senegal
तस्वीर: AP

हमें इस पर पूरा विश्वास है कि हम ओलंपिक के लिए क्वालिफाइंग राउंड को जीत कर आगे जाएंगे. 2002 में ओल्गा स्लोवाकिया के लिए ओलंपिक में उतरी थीं. उनका सपना था कि एक बार और ओलंपिक में हिस्सा लें. ओल्गा के सपने में अब मान्सिज की भी हिस्सेदारी है.

2005 में कई चोटों के कारण मान्सिज का फुटबॉल करियर लगभग खत्म हो गया. उसके पहले कई क्लबों के लिए वे खेले हैं. चाहे वो तुर्की का बेसिक्तास हो या जापान का कोब हो. या फिर कोलोन और हर्था बीएससी. आज ओल्गा और मान्सिज साथ रहते हैं और आइस स्केटिंग की मेहनत भी साथ में करते हैं

कड़ी मेहनत

मान्सिज का आइस स्केंटिंग में उतरना कोई प्रचार नहीं है बल्कि फुटबॉल के मैदान की आदतों को आइस स्केटिंग की तेज, नाजुक और शालीन अदाओं में उतारने के लिए वे बहुत मेहनत कर रहे हैं. हर दिन कम से कम छह घंटे वे बर्फ के मैदान पर मेहनत करते हैं.

मार्च से उन्होंने ये सीखना शुरू किया है और दो महीने से अलेक्ज़ेंडर कोएनिग के प्रशिक्षण में वे अभ्यास कर रहे हैं. इन सर्दियों में वे बर्फ पर दोहरी चक्करदार छलांग लगाना सीखेंगे. इस जोड़ी के लिए पहली प्रतियोगिता होगी जनवरी 2012 में.

मान्सिज के ट्रेनर उनकी तारीफ करते नहीं थकते. कोएनिग कहते हैं, "वो बहुत ही शानदार व्यक्ति हैं. बहुत कड़ी मेहनत करते हैं. कम समय में उन्होंने बहुत कुछ सीख लिया है." ओलंपिक में जगह बनाने के लिए उनकी मेहनत काफी होगी.

हालांकि ऊंचे पूरे मान्सिज को कंधों तक आने वाली ओल्गा को उठाने में हल्की सी परेशानी होती है लेकिन न तो जोश की कमी है न ही जुनून की.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः महेश झा