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समाज

तूतीकोरिन हिंसा: सीबीआई जांच की मांग

२५ मई २०१८

वेदांता समूह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई जांच की याचिका दायर की गई है. याचिका में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं.

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Indien - Protestkundgebung in Chennai
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Sankar

तमिलनाडु के तूतीकोरिन में स्टरलाइट विरोधी रैली में प्रदर्शनकारियों के पुलिस की गोलियों से मारे जाने के मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने के लिए गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई. सर्वोच्च न्यायालय के एडवोकेट जीएस मणि ने तूतीकोरिन के जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ धारा 302 (हत्या) का मामला दर्ज करने की भी मांग की है.

याचिका में कहा गया है कि गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये की अनुग्रह राषि की घोषणा मात्र जनता को खुश करने के लिए तथा नर संहार के अपराध से बचने के लिए की गई है. उन्होंने याचिका में गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए 50 लाख रुपये तथा गंभीर रूप से घायल हुए लोगों के लिए 25 लाख रुपये की राशि की मांग की गई है.

याचिका में घटना के बाद तूतीकोरिन, तिरुनेलवेली और कन्याकुमारी में बंद की गई इंटरनेट सेवा बहाल करने की भी मांग की गई है. मणि ने आरोप लगाया कि यह एक योजनाबद्ध तरीके से जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक तथा अन्य उच्च स्तरीय पुलिस अधिकारियों की सहायता से किया गया नरसंहार है. याचिका में मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा गया है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की भूमिका होने के कारण पुलिस इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करने में सक्षम नहीं है.

तूतीकोरिन में विरोध प्रदर्शन मंगलवार को उस समय उग्र हो गया था जब वेदांता समूह के स्टरलाइट तांबा संयंत्र को बंद करने की मांग करने वाले सैंकड़ों लोगों पर पुलिस ने गोलियां चलाईं, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई. ग्रामीणों का कहना था कि यह प्रदूषण फैलाने के अलावा कृषि भूमि को नष्ट कर रहा है और इलाके में स्वास्थ्य सेवाओं को खराब कर रहा है. सैकड़ों घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

आईएएनएस/आईबी

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