तुर्की है पत्रकारों के लिए सबसे बड़ी जेल
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) के आंकड़ों मुताबिक साल 2017 में दुनिया भर के 65 पत्रकारों और मीडियाकर्मियों की मौत हो गई. बीते 14 सालों के मुकाबले इसमें कमी आई है.
दुनिया में खतरनाक
आरएसएफ ने अपनी रिपोर्ट में गृह युद्ध से जूझ रहे सीरिया को पत्रकारों के लिए बेहद ही खतरनाक देश बताया है. आरएसएफ के मुताबिक साल 2017 में यहां 12 पत्रकार मारे गए. इसके बाद मेक्सिको का स्थान आता है जहां 11 पत्रकारों को हत्या कर दी गई.
एशिया में खतरनाक
वहीं एशिया में फिलीपींस को पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक देश बताया गया है. यहां पांच पत्रकारों को गोली मार दी गयी, जिनमें से चार की मौत हो गई. हालांकि ये सिलसिला फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो डुटेर्टे की एक टिप्पणी के बाद बढ़ा. डुटेर्टे ने कहा था, "आप सिर्फ एक पत्रकार है इसलिए सजा से नहीं बच सकते"
कम हुए मामले
संस्था के मुताबिक पत्रकारों की सुरक्षा के मामले में साल 2017 अच्छा माना जा सकता है. रिपोर्ट मुताबिक पिछले 14 सालों में पत्रकारों के खिलाफ होने वाले अपराधों में साल 2017 के दौरान कमी आई है. जो 65 पत्रकार और मीडिया कर्मी इस साल मारे गये, उनमें से 39 की हत्या की गयी वहीं अन्य ड्यूटी पर रहते हुए किसी न किसी परिस्थिति का शिकार बने.
बेहतर ट्रेनिंग का नतीजा
संस्था ने इस साल पत्रकारों की मौत का संख्या कम रहने का एक कारण परीक्षण को दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अब पत्रकारों को युद्ध क्षेत्र में भेजने के लिए अधिक प्रशिक्षित किया जाता है. साथ ही ऐसे देश जहां उन्हें खतरे का अंदाजा होता है वे वहां से निकल आते हैं.
यहां गये जेल
तुर्की दुनियाभर के पत्रकारों के लिए साल 2017 में सबसे बड़ी जेल साबित हुई. यहां तकरीबन 42 पत्रकारों को सलाखों के पीछे भेज दिया गया. हालांकि ब्लॉगर्स के मामले में चीन ने सबसे अधिक 52 ब्लॉगर्स को जेल भेज कर अपना ये रिकॉर्ड कायम रखा.
अन्य जेल
चीन और तुर्की के बाद जिन देशों में पत्रकारों को सबसे अधिक जेल का सामना करना पड़ा उनमें, 24 पत्रकारों के साथ सीरिया, 23 पत्रकारों के साथ ईरान और 19 पत्रकारों के साथ वियतनाम का नंबर आता है.
भारत के ये मामले
साल 2017 भारत भी पत्रकारों के लिए सुरक्षित साबित नहीं हुआ. सितंबर में कन्नड़ पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलूरु में हत्या कर दी गयी. इसके अलावा त्रिपुरा के पत्रकार शांतनु भौमिक पर एक कार्यक्रम के दौरान अचानक हमला कर दिया गया जिसमें उनकी मौत हो गई. वहीं त्रिपुरा के एक अन्य पत्रकार सुदीप दत्त पर एक झगड़े के दौरान त्रिपुरा स्टेट राइफल्स के एक अधिकारी ने हमला कर दिया था. इसमें उनकी मौत हो गई.