तालाबंदी बढ़ेगी या नहीं, फैसला हो सकता है आज
११ अप्रैल २०२०भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए जिस तालाबंदी की घोषणा 24 मार्च को हुई थी उसके लिए आज निर्णायक दिन माना जा रहा है. शनिवार 11 अप्रैल की दोपहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ तालाबंदी बढ़ाने पर मशविरा किया. बताया जा रहा है कि इस बात-चीत के बाद यह तय होगा कि पूरे देश में तालाबंदी जारी रहेगी या इसमें कुछ ढील दी जाएगी. तालाबंदी के इस दौर की समय सीमा 14 अप्रैल तक है.
ओडिशा और पंजाब वो दो राज्य हैं जो अपने अपने स्तर पर तालाबंदी जारी रखने की घोषणा कर चुके हैं. इसे ओडिशा में 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है और पंजाब में एक मई तक. पंजाब सरकार ने तालाबंदी के बीच ही 15 अप्रैल से किसानों से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू करने का भी फैसला लिया है. इस से किसानों को थोड़ी राहत मिलेगी, कटाई के लिए तैयार फसल सुरक्षित हो जाएगी और सरकार के पास खाद्यान्न का भण्डार और बढ़ जाएगा.
नए मामले तेजी से बढ़े
पूरे देश में पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 1,035 नए मामले आने से कुल मामलों की संख्या 7,447 पर पहुंच गई है. इनमें ठीक हो जाने वालों की संख्या है 643 और मरने वालों की संख्या है 239. जांच हुए कुल सैंपलों की संख्या 1,61,330 हो गई है. शुक्रवार 10 अप्रैल को 15,663 सैंपलों की जांच हुई. राज्यों की तरफ देखने तो 1,574 कुल मामले और 110 मौतों के साथ महाराष्ट्र में अभी भी सबसे बुरी स्थिति है. 911 कुल मामलों और आठ मौतों के साथ तमिलनाडु दूसरे नंबर पर है. 903 कुल मामलों और 13 मौतों के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली है तो तीसरे नंबर पर, लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि महाराष्ट्र के मुकाबले दिल्ली बहुत छोटी है.
दिल्ली में हॉटस्पॉट की संख्या रोज बढ़ाई जा रही है और उन इलाकों को सील किया जा रहा है. दिल्ली सरकार का कहना है कि सील करने की रणनीति रंग ला रही है. दिलशाद गार्डन इलाके का उदाहरण दिया जा रहा है जिसे कई दिन पहले ही सील कर दिया गया था और जहां पिछले 10 दिनों में संक्रमण का एक भी नया मामला सामने नहीं आया है.
गुजरात में आगजनी
सूरत में शुक्रवार देर रात कई प्रवासी मजदूर वेतन ना मिलने और अपने अपने घर ना जा पाने की वजह से बेचैन हो कर सड़कों पर उतर आए. पुलिस का कहना है कि इन मजदूरों ने शहर में काफी तोड़फोड़ और आगजनी की. इनमें से कइयों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. बताया जा रहा है कि इनमें से कई ओडिशा के रहने वाले हैं और उनके गृह-राज्य में तालाबंदी के बढ़ा दिए जाने की खबर से परेशान हो गए थे.
तालाबंदी के कारण प्रवासी और दिहाड़ी मजदूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उनकी कमाई बंद है और बहुत से लोग अपने गृहनगर से दूर अलग अलग राज्यों में फंसे हुए हैं. सरकार ने उनके रहने खाने का तो इंतजाम किया है लेकिन फिर भी कई परेशानियां हैं.
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