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तारिक अजीज को मौत की सजा, वैटिकन का विरोध

२७ अक्टूबर २०१०

सद्दाम हुसैन की सरकार के जाने माने चेहरे तारिक अजीज को इराक के हाई ट्राब्यूनल ने मौत की सजा सुनाई. उन्हें मानवता के खिलाफ अपराध और हत्या का दोषी पाया गया. वैटिकन ने मौत की सजा का विरोध किया है.

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अपनी सुनवाई में अजीजतस्वीर: picture-alliance/ dpa

1991 में खाड़ी युद्ध के समय तारिक अजीज की पहचान बनी. वह उस समय सद्दाम हुसैन की सरकार में विदेश मंत्री थे. सद्दाम के शासन में वह इकलौते ईसाई थे. इराक उच्च अदालत के प्रवक्ता जज मोहम्मद अब्दुल साहिब ने बताया, कोर्ट ने आज तारीक अजीज को और चार अन्य को मानवता के खिलाफ अपराध के सिलसिले में मौत की सजा सुनाई. धार्मिक पार्टियों को खत्म कर देने का आरोप मानवता के खिलाफ अपराध के तहत रखा गया. अपराधों में लोगों की जान बूझ हत्या, यातना, और लोगों को जोर जबरदस्ती से गायब कर देना शामिल हैं.

Papst Vatikan Heiligsprechung
वैटिकन को आपत्तितस्वीर: AP

2009 में तारिक अजीज को 15 साल कैद की सजा सुनाई गई थी. 1992 में दर्जनों व्यापारियों की हत्या में उन्हें दोषी पाया गया. सद्दाम के शासन के दौरान उत्तरी इराक से कुर्द लोगों को जबरदस्ती हटाने का दोषी पाए जाने पर सात साल और सजा दी गई.

अप्रैल 2003 में अमेरिकी सेना के इराक में हमले के बाद उन्होंने समर्पण कर दिया लेकिन उन्हें इस साल इराकी अधिकारियों के हवाले किया गया. अगस्त में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पर आरोप लगाया कि अमेरिका ने इराक को भेड़ियों के हाथों में छोड़ दिया है. अजीज के वकील बादी अरीफ ने कहा कि फैसला राजनीति प्रभावित है. "यह कानूनी फैसला नहीं बल्कि राजनीतिक फैसला है. उन्हें इसकी आशंका थी, खासकर तब जब अमेरिका ने उन्हें इराकी सरकार को सौंप दिया."

वैटिकन ने इराकी अधिकारियों से अपील की है कि वे अजीज को मौत की सजा न दें. वैटिकन ने बीच बचाव की संभावना से इनकार नहीं किया लेकिन कहा कि ये कूटनीतिक सूत्रों के जरिए किया जाएगा. "इस मौत की सजा पर वैटिकन का पक्ष मालूम ही है. हमें उम्मीद है कि तारिक अजीज को मौत की सजा नहीं दी जाएगी. ताकि इराक में मेल मिलाप, शांति और निष्पक्षता को बढ़ावा मिल सके."

तारिक अजीज के वकील ने कहा कि अजीज सहित चार अन्य फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं. इराक का कानून के तहत मुजरिम की अपील मृत्युदंड और आजीवन कारावास के मामलों में अपने आप दर्ज हो जाती है.

बाकी चार लोग, जिन्हें मौत की सजा दी गई है उनमें पूर्व गृह मंत्री और खुफिया विभाग प्रमुख सदौन शकीर, आबिद मोहम्मद, सद्दाम हुसैन का सौतेला भाई सबावी इब्राहिम अल हुसैन, बाथ पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता अब्दुल घानी अब्दुल गफ्फूर हैं.

अदालत के मीडिया कार्यालय ने कहा कि जो सबूत इन पांचों के खिलाफ अदालत में पेश किए गए थे वह उन्हें दोषी साबित करने के लिए काफी थे.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः एमजी

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