1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

तहलका मचाते डॉनल्ड ट्रंप के ट्वीट

५ जनवरी २०१७

अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के पद संभालने में कुछ दिन बाकी हैं, लेकिन उनके ट्वीट्स का इस हद तक असर देखने को मिल रहा है जैसे देश की बागडोर पहले से ही उनके हाथ में हो.

https://p.dw.com/p/2VLlH
DW-Karikatur von Sergey Elkin - USA, Trump & Twitter
तस्वीर: DW/S. Elkin

अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में 20 जनवरी को शपथ लेने जा रहे रिपब्लिकन नेता डॉनल्ड ट्रंप देश के पहले ऐसे नेता हैं जिसने चुने जाने के बाद कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है, लेकिन ट्विटर के जरिए देश की राजनीति में लगातार हस्तक्षेप कर रहे हैं. विपक्षी डेमोक्रैट्स पर लगातार हमला कर रहे ट्रंप ने कांग्रेस में रिपब्लिकन और डेमोक्रैटिक पार्टी के साझा प्रयास से ऐसा हेल्थकेयर विकल्प लाने की बात की है जो कम खर्चीला हो. मजे कि बात यह भी है कि पद संभालने से पहले ही वे ऐसे लोकलुभावन विचार ट्विटर पर अपने करोड़ों फॉलोअर्स से साझा कर रहे हैं.

ओबामाकेयर का समर्थन कर रहे सीनेट के डेमोक्रैट नेता शूमर ने इस बात की जांच करवाने की मांग कर डाली कि ट्रंप ने अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रमुख के तौर पर टॉम प्राइस को क्यों चुना. सार्वजनिक रिकॉर्ड देखने से साफ पता चलता है कि रिपब्लिकन नेता प्राइस कई हेल्थकेयर कंपनियों के शेयरधारी हैं. उनका इशारा इस ओर है कि ओबामाकेयर में बदलाव लाकर ऐसे कई लोगों को फायदा पहुंचाने की कोशिश है. बुधवार को ओबामा ने कैपिटॉल हिल में डेमोक्रैट नेताओं से मुलाकात की और इस पर चर्चा हुई कि किस तरह रिपब्लिकन नेता बिना कोई बेहतर योजना बनाए, पूरी स्वास्थ्य सेवा को तहस नहस करने पर तुले हैं.

ट्रंप के ट्वीट्स के निशाने पर ऑटोमोबाइल कंपनियां भी रहीं. उन्होंने ट्विटर का इस्तेमाल कर ऑटो कंपनियों फोर्ड और जीएम के अलावा बोईंग, कैरियर, लॉकहीड जैसे बड़े निमार्ताओं पर दबाव बढ़ाने की कोशिश की है. इन कंपनियों की कॉर्पोरेट नीतियों की आलोचना करने का असर इनके फैसलों पर भी पड़ता दिख रहा है. जिन कंपनियों के निवेश या रोजगार अमेरिका के बाहर के देशों में गए हैं उन नौकरियों को वापस अमेरिका में लौटाने का दबाव बढ़ रहा है. राष्ट्रपति बनने पर ऐसे कदम उठाने की बात ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान की शुरुआत से ही की है. अब नए ट्वीट के दबाव में फोर्ड ने मेक्सिको में 1.6 अरब डॉलर के निवेश से फिलहाल तौबा कर ली है और अमेरिका में 70 करोड़ डॉलर के निवेश की बात कही है.

ट्रंप ने चीन या मेक्सिको जैसे देशों में बनी चीजों पर आयात शुल्क लगाने और कनाडा जैसे देशों के साथ मौजूदा नॉर्थ अमेरिकन फ्री ट्रेड समझौते को तोड़ने की भी बात की है. मेक्सिको में नई फैक्ट्री बनाने की योजना रद्द करने  के फोर्ड के फैसले को कई अमेरिका विशेषज्ञ ट्रंप की आपत्ति को मान रहे हैं. फोर्ड ने इस कदम की वजह छोटी गाड़ियों की मांग में आई कमी को बताया है. ट्रंप ने इस कदम के लिए फोर्ड को बधाई देकर अमेरिका में ही 700 नई नौकरियां पैदा करने पर शाबाशी दी, और ये भी ट्विटर पर ही.

मेक्सिको के पूर्व राष्ट्रपति फेलिपे काल्डेरोन ने ट्वीट किया कि ऐसे कदमों से केवल मेक्सिको का ही नहीं खुद अमेरिका का भी नुकसान होगा. उन्होंने लिखा कि 2009 के आर्थिक संकट के दौरान फोर्ड, जनरल मोटर्स और क्राइसलर जैसी कंपनियां "लगभग दिवालिया" हो चुकी थीं, लेकिन मेक्सिको में निवेश ने उन्हें बचा लिया. मेक्सिको के लिए फोर्ड के इस कदम का अर्थ है 2,800 नौकरियों का नुकसान. तय योजना के अनुसार मेक्सिको में यह फैक्ट्री 2018 से ऑपरेशन शुरु कर देती. फोर्ड सन 1925 से ही मेक्सिको में कारोबार करता आया है.    

आरपी/एमजे (रॉयटर्स, एएफपी)