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तमिल राजनीति-वाईको के ख़िलाफ़ एफआईआर

१० अप्रैल २००९

तमिलनाडु में "ख़ून की नदियां" बहाने वाला भाषण दे रहे वाइको के ख़िलाफ पुलिस ने ग़ैरक़ानूनी गतिविधि निरोधक क़ानून के तहत एफआईआर दर्ज की है. श्रीलंकाई तमिलों का मुद्दा अब तमिलनाडु में बड़ा चुनावी मु्द्दा बन गया है.

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वाइको पर भड़काने का आरोपतस्वीर: UNI

तमिलनाडु में एमडीएमके पार्टी के प्रमुख वाइको के ख़िलाफ़ देश की एकता और अखंडता के विरुद्ध बोलने और एलटीटीई जैसे प्रतिबंधित संगठन का पक्ष लेने के आरोप में पुलिस ने एफआईआर दर्ज़ कर दी है. एफआईआर ग़ैर क़ानूनी गतिविधि निरोधक क़ानून के अंतर्गत दर्ज की गयी है. वाइको पर लोगों को भड़काने का भी आरोप है. बुधवार को वाइको ने कहा था कि अगर एलटीटीई के नेता वेलुपिल्लई प्रभाकरन को श्रीलंका की सैनिक कार्रवाई के दौरान कुछ हुआ, तो तमिलनाडु में "ख़ून की नदियां" बहेंगी.

वाइको हमेशा से एलटीटीई के समर्थक रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अगर युवा पीढ़ी हथियार उठा ले और श्रीलंका की सेना के ख़िलाफ लड़े, तो इसमें कोई बुरी बात नहीं है. गुरुवार को वाइको ने कहा कि उनके भाषण का मक़सद "सरकार को चेतावनी देने का था. वह गिरफ़्तारी से नहीं डरते और उन्होंने जो भी कहा," वो देश के हित में कहा है और एक वफ़ादार नागरिक होने की हैसियत से कहा है."

इस बीच तमिलनाडु के मुख्य मंत्री एम करुणानिधि ने श्रीलंका की सरकार से कहा है कि वो अपनी कार्रवाई के दौरान प्रभाकरन से बदसलूकी न करे. उनका कहना है कि श्रीलंका सरकार को वहां की तमिल जनता पर हो रहे अत्याचार को रोकना चाहिए. एलटीटीई समर्थक मानी जाने वाली वीसीके पार्टी के प्रमुख तिरुमावलवन चाहते हैं कि केन्द्र सरकार श्रीलंका पर युद्धविराम के लिए और दबाव डाले.

इस बीच एआईएडीएमके की प्रमुख जयललिता भी इस मुद्दे से पीछे नहीं रहना चाहतीं. वो डीएमके और एलटीटीई को समर्थन देने वाली सारी पार्टियों के ख़िलाफ़ बोल रही हैं, लेकिन श्रीलंका में तमिल जनता से भी सहानुभूति रखती हैं. तमिलनाडु में कांग्रेस की प्रवक्ता जयंती नटराजन ने कहा कि "एलटीटीई एक प्रतिबंधित संगठन है, जिसने राजीव गांधी की भी हत्या की थी". राज्य में लगभग सारी पार्टियां श्रीलंका को लेकर केन्द्र सरकार पर दबाव डालने की कोशिश करती रही हैं.

रिपोर्ट-एजेंसियां/मानसी गोपालकृष्णन

संपादन-महेश झा