ड्रग्स से हांफता मेक्सिको
अपना गैंग, अथाह पैसा और हर वक्त भागने के लिए तैयार रहना, मेक्सिको के ड्रग्स तस्करों की जिंदगी ऐसी ही है. युवाओं को गुमराह करने के लिए वहां सिनेमा और संगीत के साथ साथ कब्रिस्तान भी है.
मेक्सिको के सिनाओला राज्य का खारडिनेस डेल हुमाया कब्रिस्तान बेहद मशहूर है. मेक्सिको में ड्रग्स तस्करी करने वाले कई सरगना इसी इलाके से निकले. मौत के बाद खारडिनेस डेल हुमाया कब्रिस्तान में उनकी कब्रें बनी हैं.
ड्रग्स तस्करों की कब्रों में एक दूसरे से अच्छा दिखने की होड़ सी छिड़ी है. कब्रों के डियाजन और उनके लगी तकनीक से अंदाजा लगाया जाता है कि कौन कितना कुख्यात था.
खारडिनेस डेल हुमाया में इस वक्त सबसे महंगी कब्र हिटमैन की है. अनुमान है कि इस पर 2,90,000 डॉलर खर्चे गए हैं. अब एक नई कब्र इससे भी महंगी बन रही है.
1933 तक अमेरिका के कई इलाकों में अल्कोहल पर प्रतिबंध था. इस दौरान तस्कर मेक्सिको से शराब अमेरिका पहुंचाया करते थे. बाद में यह पाबंदी हट गई. लेकिन 1960 के दशक में कोकीन, गांजे और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी शुरू हो गई.
दक्षिण अमेरिका और उत्तरी अमेरिका के बीच स्थित मेक्सिको कई दशकों से ड्रग्स की तस्करी का अहम रूट और अड्डा रहा है. अमेरिका से लगी 3201 किलोमीटर लंबी सीमा को कहीं न कहीं से पारकर ड्रग्स अमेरिका पहुंचाई जाती है. तस्कर ऐसी सुरंगों का भी सहारा लेते हैं.
सितंबर 2016 में मेक्सिको के सुरक्षा बलों ने एक तोप भी बरामद की. 3 मीटर लंबी नाल वाली तोप में ड्रग्स भर अमेरिका में गिराई जाती थीं. अमेरिका तक पहुंचने वाली 90 फीसदी कोकीन मेक्सिको से होकर जाती है.
मेक्सिको सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2007 से 2014 के बीच ड्रग्स के चक्कर में 1,60,000 लोगों की मौत हुई. खून खराबा अब भी जारी है.
देश के कई शहरों में कुछ खास इलाके ऐसे हैं जहां आम लोग और अकेले पुलिस अधिकारी भी जाने से घबराते हैं.