डोपिंग नियमों से नाराज़ फ़ुटबॉल संगठन
२५ मार्च २००९इस साल खिलाड़ियों के लिए नई सूचना पद्धति लागू कर विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) ने सोचा था कि अंतरराष्ट्रीय खेलों में डोपिंग को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण क़दम उठाया है. लेकिन विश्व फ़ुटबॉल संगठन फ़ीफ़ा और यूरोपीय फ़ुटबॉल संघ यूएफ़ा तीन महीने पहले खिलाड़ियों के ठिकाने की जानकारी देने के नियम का विरोध कर रहे हैं. वे इसे खिलाड़ियों के निजी ज़िंदगी पर हमला बता रहे हैं.
फ़ीफ़ा प्रमुख जोसेफ़ ब्लाटर ने कोपेनहैगेन में यूएफ़ा सम्मेलन में कहा कि उनका संगठन डोपिंग के ख़िलाफ़ सबसे अधिक क़दम उठा रहा है लेकिन खिलाड़ियों के लिए थोड़ी निजता की भी ज़रूरत है. फ़ीफ़ा और यूएफ़ा छुट्टियों में डोपिंग टेस्ट को अस्वीकार्य मानते हैं.
इसके विपरीत वाडा के महानिदेशक डेविड हावमन ने छुट्टियों में डोपिंग टेस्ट नहीं करने के विचार को ठुकरा दिया है. डेनवर में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की कार्यकारिणी बैठक में उन्होंने कहा कि फ़ुटबॉल संगठनों का विरोध ग़लत दिशा में जा रहा है. डोपिंग के विरुद्ध संघर्ष साल में सभी 365 दिन चलने वाली ज़िम्मेदारी है.
चोटी के अंतरराष्ट्रीय एथलीटों ने भी पिछले महीनों में वाडा सूचना पद्धति और उसमें शामिल एक घंटे के नियम का विरोध किया है, जो फ़ुटबॉल खिलाड़ियों पर लागू नहीं होता है. उसके अनुसार एथलीटों को हर दिन के लिए बताना पड़ता है कि वे किस समय जांच के लिए उपलब्ध रहेंगे. बेल्जियम के 65 खिलाड़ियों ने एंटी डोपिंग सिस्टम के ख़िलाफ़ मुक़दमा कर रखा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ए जमाल