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ट्वीट कर ईरान पर ऐसे भड़के ट्रंप

२३ जुलाई २०१८

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ट्विटर के माध्यम से ईरानी राष्ट्रपति हसन रोहानी को चेतावनी दी है कि वे अमेरिका को धमकाने की कोशिश ना करें.

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USA, Washington: U.S. Präsident Trump hält Kabinettssitzung ab
तस्वीर: Reuters/L. Millis

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि डॉनल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर किसी देश पर अपना गुस्सा निकाला हो. उत्तर कोरिया और पाकिस्तान पहले ही ट्रंप के शब्दों के वार झेल चुके हैं. इस बार गाज ईरान पर गिरी है. ट्रंप ने यह पूरा ट्वीट बड़े अक्षरों में किया है जिससे उनके गुस्से का पता चलता है. उन्होंने लिखा है, "दोबारा कभी अमेरिका को धमकाने की कोशिश मत करना, नहीं तो तुम्हें भी उन्हीं परिणामों का सामना करना पड़ेगा, जैसा कि इतिहास में कुछ को झेलना पड़ा है. हम अब वह देश नहीं हैं जो हिंसा और मौत के तुम्हारे विक्षिप्त शब्दों को सुन लेंगे. संभल कर रहो!"

दरअसल रविवार को रोहानी ने अमेरिका को चेतावनी दी थी कि अगर वॉशिंगटन ने तेहरान को उकसाना बंद नहीं किया तो ईरान तेल की आवाजाही बंद कर देगा. रोहानी ने कहा, "अमेरिका को यह समझना होगा कि ईरान के साथ शांति का मतलब है चारों ओर शांति और जंग का मतलब है चारों ओर जंग." इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप "शेर की पूंछ के साथ खिलवाड़" करने की गलती ना करें.

इसके बाद अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पोए ने भी ईरान के नेताओं को "माफिया" का नाम दिया और उनके भ्रष्ट होने की बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका उन ईरानियों का समर्थन करेगा जो अपनी सरकार से नाखुश हैं.

इस बीच इस्राएल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने डॉनल्ड ट्रंप के "सख्त रुख" की सराहना की है. मंत्रिमंडल की एक बैठक की शुरुआत में उन्होंने कहा, "ईरान सरकार के आक्रामक रवैये के खिलाफ राष्ट्रपति ट्रंप और विदेश मंत्री पोम्पोए के सख्त रुख की मैं तारीफ करना चाहूंगा." इस्राएल ईरान का विरोधी है और नेतन्याहू अतीत में भी ईरान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़े कदम उठाने की पैरवी करते रहे हैं. ईरान और पश्चिमी देशों के बीच हुई परमाणु संधि को रद्द कराने के लिए भी नेतन्याहू ने पूरा जोर लगाया.

मई 2018 में डॉनल्ड ट्रंप ने अमेरिका के इस संधि से बाहर हो जाने की घोषणा की. 2015 में अमेरिका समेत ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और चीन ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे. इसके अनुसार पश्चिमी देशों ने ईरान पर से कई तरह के प्रतिबंध हटाने की बात की थी और ईरान ने यह सुनिश्चित किया था कि वह परमाणु सामग्री का प्रयोग हथियार बनाने के लिए नहीं करेगा. लेकिन डॉनल्ड ट्रंप का कहना था कि उन्हें ईरान पर भरोसा नहीं है और ईरान परमाणु संधि को वे ओबामा प्रशासन की एक बड़ी भूल मानते हैं.

आईबी/एके (एएफपी, रॉयटर्स)