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ट्विटर का भारत सरकार को आश्वासन

२३ अगस्त २०१२

पूर्वोत्तर में भड़की हिंसा के मामले में ट्विटर ने भारत सरकार को सहयोग का आश्वासन दिया है. सरकार ने चेतावनी दी थी कि यदि ट्विटर गुरूवार तक उसकी शिकायत पर ध्यान नहीं देता तो उसके खिलाफ ठोस कदम उठाए जाएंगे.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बात की शिकायत की थी कि माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर छह ऐसे अकाउंट हैं जो पीएमओ से मेल खाते हैं और जिनसे आपत्तिजनक संदेश भेजे जा रहे हैं. शिकायत के बाद भी ट्विटर की ओर से कोई जवाब ना आने के बाद सरकार ने इन छह फर्जी अकाउंट को ब्लॉक कर दिया.

अब ट्विटर का कहना है कि वेबसाइट इस बात का पता लगाएगी कि ये आपत्तिजनक संदेश कहां से आए. ट्विटर ने प्रधानमंत्री कार्यालय को सफाई देते हुए कहा है कि इस बारे में पहले कार्रवाई इसलिए नहीं की जा सकी "क्योंकि सरकार ने सही प्रक्रिया से शिकायत दर्ज नहीं कराई". ट्विटर ने लिखा है, "भारत हमारे लिए अहम है और हम चाहेंगे कि भविष्य में इन मामलों में बेहतर संपर्क साधे जाएं."

सरकार का कहना है कि इन अकाउंट से भेजे गए ट्वीट्स को लोग औपचारिक समझ रहे थे, जबकि इनका उद्देश्य हिंसा भड़काना था. ट्विटर से शिकायत करने के बाद भी जब इन पर कदम नहीं उठाया गया तो सरकार ने साइबर सिक्योरिटी सेल से इन्हें ब्लॉक करने को कहा. इसके बाद सरकार ने ट्विटर के खिलाफ कदम उठाने की भी बात कही. भारत सरकार का कहना है कि ट्विटर पर आपत्तिजनक संदेश डाले गए जिनके कारण अफवाहें फैली. सरकार ने ट्विटर के अलावा फेसबुक और गूगल से भी आपत्तिजनक संदेशों, तस्वीरों और वीडियो हटाने को कहा है. हालांकि ट्विटर इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से बचता रहा. वहीं फेसबुक और गूगल का कहना है कि वे सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं और हिंसा भड़काने वाले संदेशों को ब्लॉक करने पर निति तैयार कर रहे हैं. सरकार ने इस मामले में पहले ही कई वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया है.

भारत सरकार ने ट्विटर को गुरूवार तक का समय दिया था. गृह मंत्रालय के अधिकारी आरके सिंह ने टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार को बताया, "अगर ट्विटर हमें जवाब नहीं देता है तो हम उसके खिलाफ उचित कदम उठाएंगे... हमने सूचना और प्रसारण मंत्री को उन्हें नोटिस जारी करने के लिए कहा है." सूचना और प्रसारण मंत्री कपिल सिब्बल ने बुधवार को इस बात पर नाराजगी जताई की वेबसाइट चलाने वालों की ओर से कोई जवाब नहीं आ रहा है, "जब हम उनसे इन लोगों का पता लगाने को कहते हैं (जो आपत्तिजनक संदेश पोस्ट कर रहे हैं) तो वे कहते हैं कि हम उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर हैं, उनके सर्वर बाहर हैं और वे हमें सूचना देने के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं. इसका मतलब यह हुआ कि यह एक ऐसा मंच है जहां कोई भी कुछ भी कर सकता है."

आईबी/एनआर (एएफपी/ पीटीआई)

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