ट्रिपल एजेंट को 8 साल की कैद
म्यूनिख हाई कोर्ट ने जर्मनी खुफिया सेवा के एक एजेंट को अमेरिका के लिए जासूसी करने के अपराध में 8 साल कैद की सजा सुनाई है. मार्कुस आर को देश के साथ विश्वासघात, गोपनीयता के हनन और रिश्वतखोरी का दोषी पाया गया.
म्यूनिख हाई कोर्ट का कहना है कि जर्मनी की विदेशी खुफिया सेवा बीएनडी के 32 वर्षीय एजेंट मार्कुस आर ने बीएनडी के खुफिया दस्तावेज अमेरिकी की खुफिया सेवा सीआईए को सौंपे और इसके साथ जर्मनी की बाहरी सुरक्षा और बीएनडी की क्षमता को खतरे में डाला.
मार्कुस आर 2008 से सीआईए का एजेंट था. उसने 2014 तक अमेरिकी खुफिया सेवा को 200 दस्तावेज दिए और इसके बदले 90,000 यूरो पाए. उसने सीआईए को कर्मचारियों का एक डाटा बैंक भी दिया जिसमें बीएनडी के 3000 कर्मचारियों के नाम दर्ज थे.
मार्कुस आर ने अदालत में अपना अपराध स्वीकार कर लिया और बताया कि रोमांच की चाहत और बीएनडी के प्रशासन में उसका ऊबाऊ काम इसकी वजह थी. उसने पैसों की वजह से यह काम नहीं किया. लेकिन अदालत का नजरिया इससे अलग था क्योंकि उसने खुद सीआईए से संपर्क किया.
मार्कुस आर ने 2014 में पैसों के लिए रूसी एजेंट से संपर्क किया था और काम करने की पेशकश की थी. अदालत ने इसे गंभीर मामला नहीं माना क्योंकि सिर्फ एक बार रूसी एजेंट को जानकारी दी गई और बीएनडी एडेंट ने खुद उससे संपर्क तोड़ लिया.
अदालत के अनुसार अमेरिकी एजेंसी ने प्राप्त सामग्री को गोपनीय नहीं रखा और उसका इस्तेमाल कूटनीतिक और राजनीतिक प्रभाव पाने के लिए किया. इन्हीं दस्तावेजों की वजह से सार्वजनिक हुआ कि बीएनडी नाटो सहयोगी तुर्की पर नजर रख रहा था.
मार्कुस आर को जुलाई 2014 में गिरफ्तार कर लिया. उस समय अमेरिकी एजेंसियों द्वारा जर्मन राजनीतिज्ञों की जासूसी का मामला सुर्खियों में था. मार्कुस आर के वकील ने इस मामले पर राजनीतिक सबक सीखने की मांग करते हुए कहा है कि यह नहीं हो सकता कि अमेरिकी जासूसी करें और उन पर मुकदमा न चलाया जाए.