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ट्रंप के खिलाफ महाभियोग जांच में रिपब्लिकन सांसदों की बाधा

२४ अक्टूबर २०१९

अमेरिका में डेमोक्रैटिक पार्टी के सांसदों के नेतृत्व वाली कमेटी को महाभियोग की जांच रिपब्लिकन सांसदों की बाधा के कारण कुछ देर के लिए रोकनी पड़ी. कमेटी ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की जांच में अहम लोगों के बयान ले रही है.

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USA Republikaner stürmen Sitzungssaal bei Anhörung in Ukraine-Affäre
तस्वीर: AFP/Getty Images/A. Wroblewski

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी को बंद दरवाजे के पीछे डेमोक्रैट सांसदों की कमेटी के सामने बयान देना था. सुनवाई वाले कमरे में बुधवार को रिपब्लिकन पार्टी के करीब दो दर्जन सांसद जबरन घुस गए. डेमोक्रैट सांसदों का कहना है कि रिपब्लिकन सांसदों ने राष्ट्रीय सुरक्षा को दांव पर लगाया है क्योंकि कुछ रिपब्लिकन सांसदों के हाथ में उस वक्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी थे. सांसदों के इस आचरण के बाद लोगों का ध्यान सुनवाई से हट कर रिपब्लिकन सांसदों पर चला गया है. इस वजह से रक्षा मंत्रालय की वरिष्ठ अधिकारी और अमेरिका की यूक्रेन नीति की जिम्मेदार लॉरा कूपर से पूछताछ तय समय से करीब पांच घंटे की देरी से शुरू हुई.

महाभियोग की जांच के लिए कई राजनयिकों से पूछताछ की गई है. बहुत से रिपब्लिकन सांसद इस मामले में राष्ट्रपति के आचरण पर फिलहाल चुप हैं. हालांकि कई सासदों ने डेमोक्रैटों और महाभियोग की प्रक्रिया के बारे में अपनी नाराजगी जाहिर की है. उनका कहना है कि जो कुछ हो रहा है वह अनुचित है.

USA Republikaner stürmen Sitzungssaal bei Anhörung in Ukraine-Affäre
तस्वीर: AFP/Getty Images/A. Wroblewski

संसद की निगरानी और सुधार कमेटी में शामिल रिपब्लिकन सांसद जिम जॉर्डन ने कहा है, "सदस्यों ने यह देखा है, और वो चाहते हैं कि वे अपने मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करें और पता लगाएं कि क्या हो रहा है." निगरानी और सुधार कमेटी उन तीन कमेटियों में शामिल है जो जांच का नेतृत्व कर रही हैं. इस कमेटी के सदस्यों को बंद दरवाजे के पीछे होने वाली सुनवाई में मौजूद रहने का अधिकार होता है.

कुछ सांसदों ने इस दौरान हुई अफरातफरी का ब्यौरा दिया है. फ्लोरिडा की डेमोक्रैटिक सांसद डेबी वासरमैन शुल्त्स ने बताया कि वो जिस वक्त कमरे में दाखिल हुईं वहां रिपब्लिकन सांसद कैपिटॉल पुलिस के अधिकारियों और डेमोक्रैटिक स्टाफ से धक्कामुक्की कर रहे थे. गेट पर लोगों के पहचान पत्र चेक कर रहे स्टाफ पर रिपब्लिकन सांसदों ने एक तरह से काबू कर लिया था. शुल्त्स ने बताया, "वस्तुतः उनमें से कुछ राष्ट्रपति और जो हम उनके साथ कर रहे हैं उसके बारे में चीख रहे थे कि हमारे पास कुछ नहीं है और सारी बातें राष्ट्रपति का समर्थन करती हैं."

बाद में जब गवाही शुरू हुई तो कूपर ने सांसदों के सवालों के जवाब दिए. उन्होंने सांसदों को सैन्य सहायता देने की प्रक्रिया के बारे में बताया. उनसे यह भी पूछा गया कि क्या यूक्रेन के मामले में सारी प्रक्रियाओं का पालन हुआ. जांच में शामिल एक अधिकारी और पूछताछ के बारे में जानकारी रखने वाले एक दूसरे अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर यह बताया.

संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की इंटेलिजेंस कमेटी के चेयरमैन एडम शिफ का कहना है, "संसद में राष्ट्रपति के सहयोगी गवाहों के लिए सहयोग करना और मुश्किल बना रहे हैं."

USA Republikaner stürmen Sitzungssaal bei Anhörung in Ukraine-Affäre
तस्वीर: AFP/Getty Images/A. Wong

डेमोक्रैटिक सांसद इस बात से इनकार कर रहे हैं कि रिपब्लिकन सांसदों के साथ अनुचित व्यवहार किया जा रहा है. उनका कहना है कि गवाहों से पूछताछ के लिए उन्हें भी बराबर समय मिल रहा है और बैठकों में उन्हें आने दिया जा रहा है. शिफ का कहना है कि बंद दरवाजों के पीछे सुनवाई इसलिए जरूरी है ताकि गवाहों को सच छुपाने से रोका जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि पूछताछ की लिखित प्रतिलिपि तब जारी की जाएगी जब यह जांच को प्रभावित नहीं करेगी.

बंद कमरे के पीछे सुनवाई

शिफ का यह भी कहना है कि रिपब्लिकनों ने बुधवार को सुरक्षा दांव पर लगा दिया. उन्होंने कहा कि इंटरव्यू एक ऐसे कमरे में किया जा रहा है जिसे सेंसिटिव कंपार्टमेंटेड इंफॉर्मेसन फैसिलिटी या एससीआईएफ कहा जाता है. यह कमरा इसलिए है ताकि सदस्य गोपनीय जानकारी को सुन सकें. संसद भवन में इस तरह के कई कमरे हैं. इन कमरों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को लेकर जाने की अनुमति नहीं है और सभी सांसद इस प्रोटोकॉल से वाकिफ हैं. रिपब्लिकन सांसद वहां अपने मोबाइल फोन के साथ घुस गए. कई रिपब्लिकन सासद तो एससीआईएफ से ही ट्वीट करते भी नजर आए. उत्तरी कैरोलाइना के सांसद मार्क वाकर ने ट्वीट किया, "अपडेट: हम लोग एससीआईएफ में हैं और हरेक जीओपी सदस्य चुपचाप सुन रहा है." जीओपी का मतलब है ग्रैंड ओल्ड पार्टी जो रिपब्लिकन पार्टी का ही एक उपनाम है.

मिसिसिपी के डेमोक्रैट सांसद बेनी थॉम्पसन संसद की होमलैंड सिक्योरिटी कमेटी के प्रमुख हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि रिपब्लिकन,"जानबूझ कर अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण" को सुरक्षित इलाके में ले कर आए, संसदीय नियमों का उल्लंघन किया और उस शपथ का भी जो उन्होंने गोपनीय जानकारी हासिल करने के लिए ली थी. थॉम्पसन ने हाउस सार्जेंट को इस बारे में पत्र लिख कर दोषी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने पहले तो अपने रिपब्लिकन साथियों की आलोचना की लेकिन बाद में पलट गए. उन्होंने ट्वीट किया, "इसे करने का यह सही तरीका नहीं है." बाद में उन्होंने फिर ट्वीट किया कि पहले मुझे लगा था कि रिपब्लिकनों ने कमरे पर जबरन कब्जा किया था लेकिन वह वास्तव में एक "शांतिपूर्ण विरोध" था. इसके साथ ही उन्होने कहा है कि उनके साथियों के पास "परेशान होने का अच्छा कारण था."

विरोध में हिस्सा लेने वाले सांसद अपने रुख पर अड़े हुए हैं. संसद में पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता स्टीव स्केलाइज का कहना है कि डेमोक्रैटिक पार्टी के लोग "सोवियत शैली की प्रक्रिया" चला रहे हैं जिसकी "संयुक्त राज्य अमेरिका में इजाजत नहीं दी जानी" चाहिए. उन्होंने यह भी कहा, "हम लोग धमकियों में नहीं आएंगे." रिपब्लिकन सांसदों का कहना है कि देश की जनता सबसे ऊपर है और उसे जानने का हक है कि यहां क्या हो रहा है.

USA Ukraine Affäre  William Taylor
विलियम टेलरतस्वीर: picture-alliance/dpa/J. S.Applewhite

किस बात की जांच

अमेरिका में संसद की कमेटियां इस बात का पता लगाने में जुटी हैं कि क्या डॉनल्ड ट्रंप ने ऐसा कोई काम किया है जिसके लिए उन पर महाभियोग चलाया जा सकता है. इस मामले में प्रमुख लोगों के बयान संसद की तीन कमेटियों के सामने दर्ज कराए जा रहे हैं.

एक दिन पहले ही यूक्रेन में अमेरिका के राजदूत रहे विलियम टेलर ने सांसदों को जानकारी दी कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप यूक्रेन को सैन्य सहायता तब तक के लिए रोक रहे थे जब तक कि यूक्रेन के राष्ट्रपति डेमोक्रैटिक पार्टी के लोगों के खिलाफ जांच के लिए रजामंद ना हो जाएं. टेलर का कहना है कि इस बारे में उन्हें यूरोपीय संघ में अमेरिकी राजदूत ने उन्हें जानकारी दी थी.

महाभियोग जांच में यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि क्या ट्रंप ने 2020 के चुनाव में उनके प्रमुख प्रतिद्वंद्वी माने जा रहे पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडेन के खिलाफ जांच कराने के लिए यूक्रेन से अनुरोध किया था. आरोप है कि घरेलू चुनाव में फायदा पाने के लिए ट्रंप ने ऐसा किया था. सुनवाई में बाधा डाल कर रिपब्लिकन सांसद यह दिखाना चाहते हैं कि जांच कि प्रक्रिया सही तरीके से नहीं चल रही है और ऐसा जानबूझ कर किया जा रहा है. हालांकि अमेरिकी संविधान ने इस बारे में जांच के लिए पर्याप्त नियम बना रखे हैं. बंद कमरे के पीछे की सुनवाई इनमें से एक है.

इंटेलिजेंस कमेटी के चेयरमैन एडम शिफ ने पत्रकारों से कहा कि जांच में गवाहों ने व्हाइट हाउस की उनको चुप रखने की कोशिशों को नकार दिया है और "राष्ट्रपति ने संसद में अपने सहयोगियों से अनुरोध किया है कि वो किसी भी तरीके से उनकी गवाही को रोकने की कोशिश करें. लेकिन वो सफल नहीं होंगे." डॉनल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा था कि रिपब्लिकनों को और कठोर हो कर महाभियोग से लड़ना चाहिए.

US-Präsident Donald Trump
डॉनल्ड ट्रंपतस्वीर: Getty Images/AFP/B. Smialowski

संसद की कमेटियों में शामिल रिपब्लिकन सांसद भी इन सुनवाइयों में हिस्सा ले रहे हैं. रिपब्लिकन सांसद ट्रंप का साथ दे रहे हैं लेकिन इसमें दरार आई है. इस जांच के नतीजे में संसद का निचला सदन औपचारिक रूप से आरोप लगा सकता है जिन्हें महाभियोग की धाराएं कहा जाता है. इसके बाद रिपब्लिकन पार्टी की बहुमत वाले संसद के ऊपरी सदन में इस बात पर सुनवाई होगी कि क्या ट्रंप को उनके पद से हटाया जाए. डेमोक्रैटिक पार्टी को उम्मीद है कि वह इस साल के आखिर तक सुनवाई पूरी कर लेगी और वह महाभियोग की दो धाराओं को शामिल करने पर ध्यान दे रही है. इनमें एक है पद का दुरुपयोग और दूसरा अवरोध पैदा करना.

यह पूरा मामला ट्रंप के खिलाफ एक व्हिसलब्लोअर की शिकायत के बाद शुरू हुआ. यह शख्स अमेरिकी खुफिया तंत्र से जुड़ा हुआ है और उसने 25 जुलाई को ट्रंप के एक फोन कॉल के बारे में जानकारी दी. इस फोनकॉल में ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से दो जांच करवाने के बारे में कहा. जेलेंस्की इस कॉल के दौरान इस बात के लिए रजामंद हो गए. इसके बाद यूक्रेन को सैन्य सहायता दी गई. अमेरिका के संघीय कानून में चुनाव के उम्मीदवारों पर विदेशी सहायता लेने की रोक है.

एनआर/एमजे(एपी, रॉयटर्स)

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