ट्रंप के खिलाफ कई देशों में प्रदर्शन
अमेरिकी राष्ट्रपति और उनके येरुशलम वाले फैसले के खिलाफ दुनिया भर के मुसलमानों ने प्रदर्शन किया. देखिये अलग अलग देशों से आई तस्वीरें.
पुलिस से झड़प
वेस्ट बैंक के रमल्लाह में इस्राएल की पुलिस पर पत्थर फेंकता फलीस्तीनी प्रदर्शनकारी. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के येरुशलम को इस्राएली राजधानी के रूप में स्वीकार करने को फलीस्तीनियों ने "काला दिन" कहा. सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़पों में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई.
येरुशलम
पुराने शहर की अल अक्सा मस्जिद के पास सैकड़ों लोग जमा हुए. शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद फलीस्तीनियों ने प्रदर्शन का आह्वान किया था, जिसमें हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग जमा हुए.s.
इराक
दक्षिणी इराक के बसरा शहर में प्रदर्शन हुए. फलीस्तीनी भी चाहते हैं कि येरुशलम भविष्य में आजाद फलीस्तीन की राजधानी हो. ट्रंप के फैसले से उन्हें निराशा हुई है.
भारतीय कश्मीर
भारत प्रशासित कश्मीर में मुसलमानों ने इस्राएल और अमेरिका के झंडे जलाये. कश्मीर में श्रीनगर और बडगाम समेत कई जगहों पर प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारी अमेरिका और इस्राएल विरोधी नारे भी लगा रहे थे.
मलेशिया
मलेशिया में 1,000 से ज्यादा मुसलमानों ने अमेरिकी दूतावास के सामने प्रदर्शन किया. कुआलालम्पुर में खेल मंत्री खैरी जमालुद्दीन ने प्रदर्शन की अगुवाई की. लोग "लॉन्ग लिव इस्लाम" के नारे लगा रहे थे.
तुर्की
ये तुर्क महिलाएं फलीस्तीनियों के साथ हुए अन्याय से नाराज है. कई गैर मुस्लिम देशों ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति के येरुशलम संबंधी फैसले पर नाराजगी जताई है.
मिस्र
काहिरा में प्रर्दशनकारियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के पोस्टर फूंके. एक तस्वीर में लिखा था, "पत्रकार आपको बता रहे हैं ट्रंप, येरुशलम अरब है." अल अजहर मस्जिद में भी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हुए.
इंडोनेशिया
दुनिया के सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में 300 से ज्यादा प्रदर्शनकारी सामने आए. उनके सिर पर बैंड बंधा था, जिस पर लिखा था, "नर्क जाओ, इस्राएल." उन्होंने ट्रंप से इस्राएल का अंधा समर्थन न करने की अपील भी की.
ईरान
राजधानी तेहरान की सड़कों पर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के उतरने के बाद ऐसा नजारा था. इस्राएल का कट्टर दुश्मन ईरान अमेरिकी राष्ट्रपति के इस फैसले से खासा आहत है.
जर्मनी
जर्मनी की राजधानी बर्लिन में भी फलीस्तीन के समर्थन में प्रदर्शनकारी जमा हुए. ब्रांडेनबुर्ग गेट पर फलीस्तीन और तुर्की के झंडे लहराये गये. जर्मन सरकार ने ट्रंप सरकार को इस फैसले के खिलाफ चेतावनी दी थी. (रिपोर्ट: टिमोथी जोन्स/ओएसजे)