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टॉयलेट में मिली एक ऐतिहासिक किताब

२२ नवम्बर २००९

किताबें सिर्फ़ लाइब्रेरी की शोभा नहीं बढ़ाती. उनसे कम सरोकार रखने वाले लोग उन्हें किनारे भी कर देते हैं. कोई कूड़े में फेंक देता है तो कोई कबाड़ी को सौंप देता है. आप जानकर हैरान रह जाएंगें कि एक किताब पड़ी मिली टॉयलेट मे

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कई संस्करण छपे डार्विन की किताब केतस्वीर: picture-alliance/dpa

और ये कोई ऐसी वैसी किताब नहीं है. ये चार्ल्स डार्विन की लिखी ''ऑन द ऑरिजिन ऑफ़ स्पेशीज़" का पहला संस्करण है, जो 1859 में छपा था यानी आज से 140 साल पहले. ब्रिटेन के एक घर में इसे टॉयलेट से बरामद किया गया.

डार्विन ने इसी किताब में प्रजातियों की उत्पत्ति और उनके इवोल्यूशन का सिद्धांत दिया था. उनकी खोज से ही दुनिया को जीवों के विकास के बारे में पहली जानकारी मिली कि कैसे प्राकृतिक चयन की प्रक्रिया के आधार पर पीढ़ी दर पीढ़ी नस्लों का विकास होता है.

अब ये किताब मिल गई है तो इसे अगले सप्ताह एक बोली के ज़रिए बेच दिया जाएगा. असल में ये किताब ऑक्सफोर्ड इलाक़े में रहने वाले एक परिवार के पास थी. जिसे क़रीब 40 साल पहले ख़रीद गया था. फिर परिवार के लोगों ने इसे मेहमानों के टॉयलेट में बनी एक बुक शेल्फ़ पर रख दिया था. तबसे वो वहीं पड़ी थी.

Charles Darwin Symbolbild
इवोल्यूशन के सिद्धांत के प्रणेता डार्विनतस्वीर: AP Graphics

जानकारों का कहना है कि इस परिवार को 40 साल पहले ये किताब चंद सिक्कों के सौदे में मिली होगी. लेकिन इस किताब के बाहर आने के बाद मशहूर नीलामी कंपनी क्रिस्टीज़ के ज़रिए अब ये नीलामी के लिए पेश की जा रही है और क्रिस्टीज़ का कहना है कि इस किताब के 99 हज़ार डॉलर मिलने की संभावना है. यानी उस परिवार की भी एक तरह से लॉटरी लग गई जिसके पास ये किताब पाई गई. मंगलवार को ये मशहूर बोली लगने वाली है. संयोग ये कि डार्विन के सिद्धांत की 150वीं जयंती भी मनाई जा रही है.

क्रिस्टीज़ तक इस किताब के पहुंचने की दास्तान भी निराली है. हुआ ये कि परिवार का एक सदस्य महान वैज्ञानिक डार्विन से जुड़ी एक प्रदर्शनी को देखने गया था, वहां उसकी नज़र एक किताब की तस्वीर पर पड़ी. उसने देखा अरे ये किताब तो कहीं देखी है. उसने फ़ौरन दिमाग दौड़ाया. उसे समझते देर नहीं लगी कि जो किताब उसके मकान के टॉयलेट में धूल खा रही है वो तो कोई महान किताब है. बस फिर क्या था....

रिपोर्ट- एजेंसियां/एस जोशी

संपादन- ओ सिंह